भीषण गर्मी मॆ हम यह कह सकते है की बिन पानी सब सून परन्तु इस मायावी जगत मॆ हम कह सकते है की यदि आपके पास सम्पत्ति नही है तो सब सूना ही है। हर व्यक्ति की चाह रहती है की उसके पास कुछ न कुछ सम्पत्ति अवश्य होना चाहिये क्योंकि आपकी सम्पत्ति ही आपका बढ़ता हुआ धन है। शनि महाराज के विषय मॆ कहा गया है की वे जिस पर कृपा करते है उसे रंक से राजा तथा जिस पर कोप करते है उसे राजा से रंक बना देते है वैसे यह बात समझने योग्य है की उनकी कृपा और कोप सबकेअच्छे और बुरे कर्मों का फल होता है शनिदेव तो क्रमानुसार दंड देते है।यदि आपने समाज की सेवा और भलाई का कार्य या कोई भी पुण्य कार्य किया है तो शनिदेव प्रसन्न होकर आपको सुख सम्पत्ति और सम्मान दिलाते है।
शनि की स्थिति व सम्पत्ति योग
पत्रिका मॆ स्वराशि मकर मूल त्रिकोण राशि कुम्भ तथा उच राशि का शनि चौथे दूसरे तथा लग्न से सम्बन्ध रहने पर जातक कॊ समाज मॆ मान सम्मान तथा अच्छी सम्पति मिलती है। इसके अलावा किसी भी राशि का चतुर्थ स्थान का शनि व्यक्ति कॊ मकान वाहन अवश्य दिलाता है।
राशि अनुसार सम्पत्ति योग
*मेष*-इस राशि के लिये शनि लाभ व दशम अथवा राज्य स्थान का स्वामी होता है इस राशि के लोगों कॊ शनि महाराज कारखाने उद्योग के रूप मॆ अच्छी सम्पति देते है।चूंकि चौथे स्थान के स्वामी चंद्र से शनि की शत्रुता होने से मकान बनने मॆ परेशानी अवश्य आती है।
*वृषभ*-इस राशि के लिये शनि महाराज परम कारक होते है भाग्य व राज्य स्थान का स्वामी होने से सम्पत्ति भाग्य से ही मिलती है। नौकरी मॆ सफलता खुद का कारखाना उद्योग मॆ महान सफलता मिलती है। ऐसे लोगो कॊ आँख मूंदकर कोई न कोई व्यवसाय करना चाहिये इसमे श्रेष्ठ सफलता का योग बनता है।
*मिथुन*-इस राशि के लिये शनि भगवन आठवें तथा भाग्य दोनो के स्वामी होते है यानी कार्य मॆ पहले कष्ट फ़िर भाग्योदय होता है।फ़िर भी शनि कृपा से सामान्य कष्ट के पश्चात आपको सम्पत्ति के क्षेत्र मॆ आपको विशेष सफलता मिलती है।
*कर्क*इस राशि मॆ शनि भगवन परम अकारक होते है शनि की दशा कष्टकारी होती है वैसे इन लोगों कॊ सामान्य सुख सुविधा की लिये मोहताज नही होना पड़ता।फ़िर भी सम्पत्ति सम्बन्धी कार्य कष्टकारी होते है।
*सिंह*-इस राशि के लिये भी शनिदेव परम मारक व कष्टकारी होते है भूलकर सम्पत्ति सम्बन्धी कार्य व झगड़ों मॆ न उलझे नही तो हालत ऐसी हो जायगी की न तो खुदा ही मिला न विसाले सनम।अर्थात सम्पति के कार्यों से इन्हे कष्ट हो सकता है।
*कन्या*इस राशि वालों के लिये शनि पंचम तथा छठे स्थान का स्वामी होता है अर्थात सम्पत्ति विवाद मॆ श्रेष्ठ सफलता व लाभ का योग रहता है।
*तुला*इस राशि वाले सम्पत्ति के मामले मॆ परम भाग्यशाली होते है इन्हे सम्पत्ति समाज मॆ मान सम्मान विशेष रूप से मिलता है यदि बिना सम्पति के भी है तो इन्हे सम्पत्ति का ला लाभ निश्चित रूप से होगा।इनके ऊपर शनिदेव की खास कृपा होती है ये कारखाने ज़मीन जायदाद के मालिक होते है।
*वृश्चिक*-इस राशि वालो के लिये शनि पराक्रम व चौथे स्थान का स्वामी होता है इन लोगों कॊ भी सम्पत्ति का अच्छा लाभ मिलता है।
*धनु*-इस राशि वालों कॊ शनि दूसरे तथा तीसरे स्थान का स्वामी होता है इसिलिये इन लोगों कॊ पैतृक सम्पत्ति का लाभ अवश्य होता है लेकिन इसके लिये जातक कॊ विशेष परिश्रम करना पड़ता है।
*मकर*-यह शनि की स्वराषि है सो निश्चित है की देर सबेर आपकी सम्पत्ति अवश्य बननी है शनि से जुड़े कार्य कारखाने उद्योग आदि से भी आपको अच्छा लाभ मिल सकता है।
*कुम्भ*-यह शनि की मूल त्रिकोण अर्थात प्रिय राशि है इसीलिये इस राशि वालों कॊ सम्पत्ति समाज मॆ मान सम्मान तथा वैभव किस्मत से मिलता है बशर्ते आपके मन मॆ सेवा का भाव हो।
*मीन*-इस राशि के लिये शनि ग्रह लाभ तथा व्यय भाव के स्वामी होते है इसिलिये ऐसे लोगो कॊ सम्पत्ति से अच्छा लाभ होता है चूंकि शनि व्यय भाव का भी स्वामी होता है इसिलिये इन राशि वालों कॊ शनि ग्रह के मिश्रित परिणाम प्राप्त होते है।
पंडित चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
9893280184