हर व्यक्ति जीवन मॆ शान शौकत चाहता है जिसके लिये उसे एक अच्छी नौकरी की आवश्यकता है। जिससे वह अपने जीवन की सभी आवश्यकता पूरी कर सके। साथ ही उसे ऐसा कॅरियर मिले जो उसके मन कॊ भाता हो। हम बच्चो कॊ अच्छी से अच्छी शिक्षा देते हैं। महँगे से महँगे स्कूल मॆ पढ़ाते हैं लेकिन बच्चे किस क्षेत्र मॆ अपना कॅरियर बनाए ये बहुत बाद मॆ निश्चित करते है। हमे दौड़ लगाने से पहले ये मालूम पड़ना चाहिये की हमारी मंजिल क्या है।
ज्योतिष और कॅरियर
ज्योतिष मॆ नौ ग्रहों के गुण धर्म उनके तत्व तथा दिशा के आधार पर हम किसी भी बच्चे के कॅरियर के विषय मॆ संकेत कर सकते है। इससे बच्चे की रुचि का कार्यक्षेत्र पहले ही निश्चित होने से वह मन लगाकर सम्बन्धित क्षेत्र की शिक्षा ले सकता है। बच्चे की कुंडली के ग्रह उसके मन और मस्तिष्क कॊ पूर्णतः प्रभावित करते हैं। इसीलिये हमे ऐसे ग्रह से जुड़े हुए कार्यक्षेत्र का चयन करना चाहिये जो बच्चे की कुंडली के अनुकूल हो। इसके लिये आप किसी एक ज्योतिष पर ही आश्रित न हो कई विद्वानों की राय लेकर फ़िर जो सर्वश्रेष्ठ राय जो आपके बच्चे कॊ अच्छी लगे उसका चयन करें।
नवग्रह तथा करियर
पत्री मॆ राज्य तथा सप्तम भाव से जातक का करियर चुनने का विधान है। सप्तम भाव दशम से दशम होता है इसके अलावा इन दो भावों मॆ जिस भाव के स्वामी (रोग, शिक्षा, सुख, खेल, शोध, धर्मया विपत्ति) के ग्रह बैठते हैं। जातक वैसा ही कर्म करता है। जिस प्रकार के ग्रह इन दो भावों कॊ प्रभावित करते है वैसे ही काम मॆ व्यक्ति की रुचि बढ़ती है।
सूर्य
का प्रभाव जातक कॊ नेतृत्व तथा प्रमुख व्यक्ति के रूप मॆ कार्य करने की प्रेरणा देता है। चूंकि सूर्य ग्रहों का राजा है तथा यह किसी के अधीन कार्य नही करता वरन करवाता है जिनकी पत्री मॆ सूर्य लग्न सप्तम या चतुर्थ स्थान से भी दशम भाव मॆ प्रभाव रखता है ऐसा जातक स्वतंत्र कार्य करने मॆ विश्वाश रखता है ऐसे जातक कॊ शिक्षा,प्रकाशन,राज्य से जुड़े कार्यों तथा राज्य के प्रमुख पदों मॆ कार्य करने की विषेश इच्छा रहती है।
चंद्र
इस ग्रह कॊ ग्रह मंडल मॆ रानी का पद दिया गया है यह स्त्री ग्रह है घटना बढ़ना इसका स्वभाव है।भावनाओ पर इस ग्रह का विशेष प्रभाव रहता है जल तत्व पर इसका विशेष प्रभाव रहता है।कवि,लेखन तथा जल नदी समुद्र से जुड़े कार्यों मॆ इसकी ही भूमिका रहती है।
मंगल
मंगल कॊ ग्रहमंडल मॆ सेनापति का पद दिया गया है। अग्नि तत्व पर इसका पूर्ण अधिकार रहता है।मारकाट चोट चपेट हमला रक्षा पर इसका विशेष प्रभाव रहता है। प्रबंधन पर इनका विशेष अधिकार रहता है। यदि पत्री मॆ व्यापार से जुड़े भाव मॆ इस ग्रह का सम्बन्ध रहता है तो ऐसे लोग सेना, पुलिस, विद्युत संयंत्र आदि मॆ कार्य करते है मंगल कॊ तकनीक से जुड़ा ग्रह माना गया है इन्जीनियरिंग तथा निर्माण से जुड़े कार्यों मॆ भी यह ग्रह ले जाता है।
बुध
यह ग्रह मंडल का युवराज है वित्त तथा संचार का कार्य इस ग्रह के ही अधीन है यदि यह अच्छी स्थिति मॆ रहकर लग्न मॆ केंद्रीय प्रभाव डाल रहा है तो व्यक्ति का झुकाव स्वतंत्र व्यापार की ओर जाता है बेंक, शिक्षण, संचार तथा मार्केटिंग के क्षेत्र मॆ इस ग्रह से प्रभावित लोग ही आते है।
गुरु
इस ग्रह कॊ देव गुरु का पद मिला है धन, खानपान ,शिक्षा तथा सलाह से जुड़े कार्यों मॆ इस ग्रह से प्रभावित लोग ही पायें जाते है। अच्छी स्तिथि मॆ यह ग्रह राज्यकृपा दिलाता है। सरकार मॆ सचिव, सलाहकार तथा वकालत से जुड़े कार्यों मॆ गुरु ग्रह का ही प्रभाव रहता है। सलाहकारिता से जुड़े सभी कार्य इस ग्रह से ही देखें जाते है।
शुक्र
इन्हे आकाशमंडल मॆ दैत्य गुरु की पदवी दी गई है।संसार मॆ फैली समस्त माया इनके ही प्रभाव मॆ है विलासिता, चमकदमक, भोग, उच्चस्तरीय खानपान तथा भोग इस ग्रह से ही देखा जाता है। फिल्म, टीवी, होटल सराफा आभूषण तथा ऐयाशी के सभी कार्य इस ग्रह से ही देखे जाते है।
शनि
इस ग्रह कॊ ग्रहमंडल के दास का पद दिया गया है सेवा कर्म इन्ही के हांथो मॆ है। इसीलिये चिकित्सा, सफाई, नगर निगम, देखरेख तथा विशेषकर वे कर्म जिससे दुख का सम्बन्ध हो इसमे शनि महाराज की खास भूमिका होती है।
राहु
इस ग्रह कॊ दैत्य सेनापति का पद दिया गया है रहस्य, षडयंत्र तथा छाया से इस ग्रह का खास सम्बन्ध रहता है। राज़नीति से इस ग्रह का खास सम्बन्ध है। राज्य स्थान से जुड़कर यह राजनीति मॆ ऊँचे स्थान पर पहुँचाता है।
केतु
यह ग्रह राहु का ही धड़ है इसीलिये राक्षस सेनापति के सारे गुण इनके पास ही है सिवाय सर के। इसीलिये चीरफाड़, ऑपरेशन, गाइड जैसे सभी कार्य इस ग्रह से देखे जाते है।
पंडित चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
9893280184