अध्यापकों की तबादला नीति और गणना पत्रक मुख्यमंत्री सचिवालय में

Bhopal Samachar
मनोज तिवारी/भोपाल। अध्यापकों की तबादला नीति और छठवें वेतनमान का गणना पत्रक अगले हफ्ते जारी हो सकता है। स्कूल शिक्षा विभाग ने दोनों प्रस्ताव मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज दिए हैं। नए गणना पत्रक में अध्यापकों का बेसिक वेतन नियमित शिक्षकों को मिल रहे छठवें वेतनमान के समान होगा। प्रदेश के 2.84 लाख अध्यापकों को इसका लाभ मिलेगा। वहीं उन्हें दो साल में इंक्रीमेंट की पात्रता रहेगी। हालांकि अध्यापक इंक्रीमेंट के फॉर्मूले का विरोध कर रहे हैं।

अध्यापकों के गणना पत्रक में तीसरी बार संशोधन किया जा रहा है। इसकी विसंगति दूर करने के लिए सरकार ने अध्यापकों को नियमित शिक्षकों के समान न्यूनतम बेसिक वेतन देने का प्रस्ताव तैयार किया है। शिक्षकों का ये वेतनमान 1.86 फॉर्मूले पर है, जो उन्हें पांचवें वेतनमान में गुणा कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने एक जनवरी 2016 से अध्यापकों को छठवें वेतनमान का लाभ दिया है। इसका नकद भुगतान अप्रैल 2016 से होना था, लेकिन गणना पत्रक जारी होने में देरी और विसंगति के चलते अध्यापकों को ये लाभ अक्टूबर 2016 से मिला। दूसरी बार 15 अक्टूबर 2016 को जारी संशोधित गणना पत्रक से भी अध्यापक संतुष्ट नहीं हैं, इसलिए सरकार पिछले पांच माह से पत्रक में संशोधन कर रही है। नए प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री को अंतिम फैसला लेना है। उधर, अध्यापक नेता स्कूल शिक्षा मंत्री से मिलकर अपनी मांग स्पष्ट कर चुके हैं।

क्रमोन्नत वेतनमान की गणना नहीं की 
दूसरी बार संशोधित गणना पत्रक में बड़ी विसंगति सामने आई थी। इस कारण एक ही स्कूल में पढ़ाने वाले दो अध्यापकों का वेतन अलग-अलग निर्धारित हो रहा था। इस कारण प्रदेशभर में हंगामा खड़ा हो गया था। इसकी मुख्य वजह 10 साल की सेवा पूरी कर चुके अध्यापकों के क्रमोन्नत वेतनमान की अनदेखी थी। अफसरों ने इसे गणना पत्रक में शामिल नहीं किया था।

जिलों में आंदोलन चल रहा है 
गणना पत्रक और तबादला नीति जारी होने में देरी के चलते अध्यापकों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। विकासखंड मुख्यालयों पर अध्यापक रात 8 से 12 बजे तक धरना दे रहे हैं। इस दौरान सार्वजनिक जगहों पर भजन-कीर्तन कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रकट किया जा रहा है।

जल्द घोषित करेंगे
गणना पत्रक और तबादला नीति तैयार है। दोनों को जल्द ही घोषित किया जा रहा है। दोनों का बारीकी से परीक्षण करने में समय लगा है। 
दीप्ति गौड़ मुकर्जी, सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग

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