भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमरकंटक मप्र से निकलने वाली नर्मदा नदी को जीवित इंसान का दर्जा देने का ऐलान किया है। आज उन्होंने ट्वीट करके यह घोटाला की। इससे पहले उत्तराखंड के हाईकोर्ट ने गंगा नदी को जीवित इंसान का दर्जा दिया था। इस तरह नर्मदा नदी देश की दूसरी नदी हो गई जिसे यह दर्जा प्राप्त हुआ है। बता दें कि इस बावत् एक जनहित याचिका भी मप्र हाईकोर्ट में विचाराधीन है। पूरी संभावना थी कि हाईकोर्ट से नर्मदा नदी को यह दर्जा प्राप्त हो जाता। इससे पहले सीएम ने ऐलान कर दिया।
उल्लेखनीय है कि, गंगा के बाद नर्मदा ऐसी दूसरी नदी होगी, जिसे इंसानों-सा दर्जा मिल रहा है। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गंगा को जीवित नदी (living entity) की दिशा में सार्थक पहल की थी। पिछले महीने उत्तराखंड कोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान कहा था कि गंगा नदी देश की पहली जीवित नदी (living entity) है और इसे वे सारे हक मिलने चाहिए जो किसी इंसान को मिलते हैं। हाईकोर्ट के इस फैसले के मायने ये हुए कि अगर कोई गंगा को पॉल्यूटेड करता है, तो उस पर उसी हिसाब से कार्रवाई की जाएगी, जो किसी इंसान को नुकसान पहुंचाने पर की जाती है। किसी नदी को ऐसा दर्जा दिए जाने का दुनिया में यह दूसरा मामला था। इससे पहले न्यूजीलैंड की एक नदी को वहां की संसद ने ऐसा दर्जा दिया था। इस तरह नर्मदा दुनिया की तीसरी ऐसी नदी होगी, जिस जीवित माना जाएगा।
गंगा से प्राचीन है नर्मदा
स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने कहा कि गंगा का अवतरण त्रेता युग ओर नर्मदा का अविर्भाव सतयुग में हुआ। नारायण के वरदान के अनुसार गंगा सहित सभी तीर्थ पापियों के स्नान से हुए कलुष को धोने नर्मदा में आते हैं। इसलिए नर्मदा परिक्रमा में सभी तीर्थों का फल प्राप्त होता है। साल में एक बार गंगा स्वयं नर्मदा में स्नान करने आती है और धवल होकर लौटती है। गंगा की भाँति नर्मदा का जल भी औषधीय गुणों से भरपूर है।