नई दिल्ली। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजमेर शरीफ दरगाह के लिए चादर पेश की थी। आज दरगाह के अध्यात्मिक प्रमुख दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने बीफ बैन का समर्थन करते हुए कहा है कि बीफ को लेकर देश में दो समुदायों के बीच पनप रहे वैमनस्य पर विराम देने के लिए सरकार को देश में गोवंश की सभी प्रजातियों के वध और इनके मांस की बिक्री पर व्यापक प्रतिबंध कर देना चाहिए। साथ ही उन्होंने ऐलान करते हुए कहा कि अब से वो भी बीफ नहीं खाएंगे।
शरीयत के अनुसार तीन तलाक अलग है
उन्होंने कहा कि हिंदू-मुसलमानों के बीच लड़ाई की जड़ यही है। दरगाह प्रमुख ने मुसलमानों से आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें भी गौ हत्या के पाप से बचना चाहिए। साथ ही कोशिश करें कि वे भी बीफ न खाएं। मुस्लिम धर्म गुरू ने तीन तलाक पर भी राय रखते हुए कहा कि एक समय में तीन तलाक के उच्चारण को शरीयत ने नापसंद किया है। मुसलमान इस प्रक्रिया में शरीयत की नाफरमानी से बचें।
परिवार सहित गौ मांस त्यागा
उन्होंने आगे कहा, ‘मेरे पूर्वज ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती ने इस देश की संस्कृति को इस्लाम के नियमों साथ अपना कर मुल्क में अमन, शांति और मानव सेवा के लिए जीवन समर्पित किया। आज मैं उसी तहजीब को बचाने के लिए गरीब नवाज के 805वें उर्स के मौके पर मैं और मेरा परिवार, बीफ के सेवन की त्याग की घोषणा करता हूं’
गौ हत्या पर उम्रकैद सही है
दरगाह दीवान ने बीफ ले जाने पर गुजरात सरकार द्वारा उम्रकैद के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार को पूरे देश में गोवंश की सभी प्रजातियों के संरक्षण के लिए इनकी हत्या पर पाबंदी लगाकर गो हत्या करने वालों को उम्रकैद की सजा का प्रावधान करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर देना चाहिए। अगर उद्देश्य सिर्फ गाय और इसके वंश को बचाना है क्योंकि वो हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है तो ये सिर्फ सरकार का नहीं बल्कि हर धर्म को मानने वाले का कर्तव्य है कि वो अपने धर्म के बताऐ रास्ते पर चलकर इनकी रक्षा करे।