नई दिल्ली। सीबीएसई बोर्ड 12वीं के विज्ञान के पेपर मामले में फंस गया है। इस पेपर में स्टूडेंट्स से पूछा गया है कि वायु प्रदूषण की दृष्टि से शवों को दफनाना बेहतर है या जलाना। अब यह मामला तूल पकड़ गया है। लोगों का कहना है कि धार्मिक रीति रिवाजों में सीबीएसई को दखल देने की क्या जरूरत है। लोगों का यह भी कहना है कि वायु प्रदूषण का बॉयोलॉजी से क्या लेना देना है।
अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, छात्रों और परिजनों ने बताया कि इस बार बॉयोलॉजी का पेपर बहुत ही ट्रिकी था और इसमें बहूत ही कठिन सवाल पूछ गए थे लेकिन इस पेपर में अंतिम संस्कार के लिए जो प्रश्न पूछा गया उसे लेकर लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं।
पेपर का सेक्शन डी वायु प्रदूषण को लेकर था और इसमें छात्रों को जवाब देना था कि वायु प्रदूषण को नियंत्रण में रखने के लिए हमें शवों को दफनाना चाहिए या जलाना चाहिए। क्या यह सवाल भी बॉयोलॉजी का है? क्या सीबीएसई दफनाने या न दफनाने को बढ़ावा देना चाहता है? ऐसे ही सवाल लोग जावड़ेकर को टैग कर पूछ रहे हैं।
हालांकि शिक्षकों का कहना है वायु प्रदूषण बॉयोलॉजी के पाठयक्रम का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि पेपर में पूछे गए ज्यादातर प्रश्न टेक्सबुक से ही हैं। वायु प्रदूषण वाले सेक्शन के जवाब के लिए छात्रों को 10 से 12 नंबर निर्धारित है। इस प्रश्न मे छात्रों को पूछे एक विषय पर व्याख्या करना था। यह भी बताया जा रहा है कि कुछ सवाल तो रिपीट किए गए हैं और वह पिछले साल भी पूछ गए थे। बॉयोलॉजी इस पेपर का सामना करने वाले ज्यादातर छात्रों का कहना था कि पेपर बहुत ही उलझाऊ था।