भोपाल। शांति का टापू कहे जाने वाले मध्यप्रदेश पर सिमी, आईएसआई और आईएसआईएस का खतरा मंडरा रहा है। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की सुरक्षा को लेकर बड़ी कोताही बरती जा रही है। कई मौके पर मुख्यमंत्री की सुरक्षा में बड़ी सेंध लग चुकी है। मुख्यमंत्री को अतिविशिष्ट श्रेणी की सुरक्ष प्राप्त है, लेकिन अन्य कारणों के चलते प्रदेश की पुलिस सीएम की सुरक्षा पर गंभीर नहीं है। जिसको लेकर मप्र कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने चिंता जताई है और पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की मांग की है।
श्री मिश्रा ने लिखा है कि यह पुलिस की बड़ी चूक है कि कई कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री के आसपास ऐसे लोग भी मौजूद रहते हैं जिन्हें शिवराजसिंह चौहान खुद नहीं जानते। बल्कि कई बार गुंडे बदमाश प्रवृत्ति के लोग भी उनकी सुरक्षा के घेरे को तोड़कर उनके करीब खड़े दिखाई देते हैं। श्री मिश्रा ने कहा है कि एक प्रमुख राजनैतिक विपक्षी दल के रूप में कांग्रेस पार्टी अपनी तमाम राजनैतिक, वैचारिक मतभिन्नताओं से परे मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। श्री मिश्रा ने अपने पत्र के साथ कुछ फोटो भी पुलिस महानिदेशक को सौंपे हैं, जिनमें सीएम की सुरक्षा से खिलवाड़ के उदाहरण देखने को मिले हैं।
कई बार मुख्यमंत्री के करीब अंडरवर्ल्ड सरगनाओं से जुडे़ अबू सलेम के गुर्गे ‘शिराज’ नजर आते हैं तो कभी आईएसआई के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार धु्रव सक्सेना मुख्यमंत्री के साथ मंच पर खड़ा है। बुरहानपुर में हुए मयूर हत्याकांड के आरोपी हर्ष चौहान तो, विश्व में भारत की साख को धूमिल करने वाले व्यापमं महाघोटाले के बड़े किरदारों में शामिल आरोपी डॉ. गुलाबसिंह किरार, राघवेन्द्रसिंह तोमर, कटनी जिले में 2200 करोड़ रूपये के हवालाकांड के आरोपी सतीश सरावगी जैसे लोग मुख्यमंत्री और उनके मंत्री मंडल के वरिष्ठ सहयोगियों के साथ न केवल मंच साझा करते हुए नजर आते हैं, बल्कि अतिविशिष्ट सुरक्षा घेरे को तोड़कर मुख्यमंत्री के वाहन को भी चलाते हुए नजर आते हैं क्या कोई ऐसा व्यक्ति जो व्यापम घोटाले का आरोपी हो और तमाम अधिकारियों के सामने मुख्यमंत्री के वाहन को चलाना तो दूर उसे छू भी नहीं सकता, उसे इतनी बड़ी इजाजत किसने दी? क्या यह सुरक्षा में बड़ी सेंध नहीं है और सुरक्षा एजेंसियों की लापरवाही नहीं।
कांग्रेस ने पुलिस महानिदेशक से मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर बरती जा रही लापरवाही को लेकर सीएम की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने और उनके आसपास रहने वाले लोगों की जांच करने की मांग की है। सीएम के साथ बैठने वाले आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को उनसे दूर रखें । मंच पर कई बार उनके साथ बैठे लोगों को तो सीएम जानते भी नहीं है। उनकी सुरक्षा में सेंध लग रही है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा पुलिस की बड़ी जिम्मेदारी है और इसमें कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए।