भोपाल। जागरुक ग्राहक ने रेलवे को सुविधा में लापरवाही के लिए सजा दिलाई है। कोर्ट ने रेलवे को सजा के तौर पर पांच हजार रुपये जुर्माना भरने को कहा है। मामला कुछ यूं है कि मध्यप्रदेश के जिला बेतुल के रहने वाले अधिवक्ता गिरीश गर्ग 13 जून 2015 को कोयंबटूर-जयपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस से कोटा जा रहे थे। उन्होंने यात्रा के दौरान रेलवे का 139 कस्टमर केयर नंबर डॉयल कर डेस्टिनेशन अलर्ट और वेक-अप अलर्ट सुविधा एक्टीवेट कराई थी। गर्ग ने बताया कि जिस ग्राहक सेवा अधिकारी से उनकी बात हुई थी, उसने सुविधा अलर्ट सुविधा मुहैया कराने का आश्वासन दिया था।
लेकिन रेलवे की तरफ से उन्हें न तो डेस्टीनेशन अलर्ट भेजा गया और न ही वेक-अप कॉल की गई। यात्रा खत्म होने पर गिरीश गर्ग को कोटा रेलवे स्टेशन पर हड़बड़ी में उतरना पड़ा। इसके बाद उन्होंने कोर्ट में रेलवे के खिलाफ सुविधा में लापरवाही की याचिका डाली। जांच के बाद कोर्ट ने रेलवे की लापरवाही को सही पाया और जुर्माने के तौर पर पांच हजार रुपये गिरीश गर्ग को देने को कहा है।
जानें क्या है डेस्टिनेशन अलर्ट सुविधा
इस सेवा का लाभ लेने के लिए यात्रियों को सबसे पहले एक आसान प्रक्रिया से गुजरना होगा। इसे डेस्टिनेशन अलर्ट का नाम दिया गया है, जिसका इस्तेमाल करने के लिए यात्री को अपने मोबाइल फोन पर अलर्ट लिखकर पीएनआर नंबर टाइप करना होगा। यह मैसेज उन्हें 139 पर सेंड करना होगा और इसके बाद 139 पर कॉल भी करना होगा। कॉल करने के बाद भाषा चयन कर 7 डायल करें। 7 डायल करने के बाद पुनः पीएनआर नंबर डायल करने पर यह सेवा एक्टिवेट हो जाएगी। सुविधा एक्टिवेट होने पर डेस्टिनेशन स्टेशन आने से पहले मोबाइल पर अलार्म बजने लगेगा।