
अगर ये बयान देते समय दिग्विजय सिंह के दिल दिमाग में सेना की जीप पर बंधे उस कश्मीरी की तस्वीर है तो उन्हें पता होना चाहिए कि यहां भी सेना ने पत्थरबाजों से अपनी रक्षा के लिए इस पत्थरबाज को जीप के आगे बांधा था और बाद में उसे सुरक्षित छोड़ भी दिया। दिग्विजय सिंह ने भारतीय सेना पर इतना बड़ा इल्जाम तो लगा दिया लेकिन उन्होंने उन पत्थरबाजों के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा जो खुलेआम भारत विरोधी नारे लगाते हैं और सेना के जवानों पर हमला करते हैं।
मोदी सरकार की कश्मीर नीति पर निशाना साधते हुए दिग्विजय सिंह ने पाकिस्तान से युद्ध की आशंका जताई है लेकिन यहां भी वो इस बात का जिक्र करना भूल गये कि कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद के पीछे असली हाथ पाकिस्तान का ही है।
क्या है मामला?
श्रीनगर के बाहरी हिस्से पुलवामा में 9 अप्रैल को कश्मीर में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स यानि सीआरपीएफ के जवान राज्य में हुए उपचुनाव में चुनाव सुरक्षा ड्यूटी करने के बाद अपने बैरक में लौट रहे थे। इसी दौरान कश्मीर के युवकों ने उनपर पत्थर से हमला कर दिया था। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों को गोली भी चलानी पड़ी थी।