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पार्टी की ओर से जारी एक बयान के अनुसार मनिकम टैगोर, पीसी विष्णुनाथ, मधु याक्षी गौड़ और सेक सैलजानाथ वेणुगोपाल की मदद करेंगे। बयान में कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कर्नाटक और गोवा मामलों का प्रभार एआईसीसी की नई टीमों को दिया है। गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह के खिलाफ गोवा और कनार्टक कांग्रेस में विरोध के स्वर उभर रहे थे। गोवा कांग्रेस नेताओं का कहना था कि दिग्विजय सिंह की निष्क्रियता के कारण ही गोवा में कांग्रेस की सरकार नहीं बन सकी।
दिग्विजय सिंह जब से राष्ट्रीय राजनीति में आए हैं। यह पहली बार है जब उनसे इस तरह 2 पद छीने गए। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को राजनीति का माहिर खिलाड़ी माना जाता है। मप्र में करारी हार के बाद उन्होंने सन्यास लिया और फिर संगठन के काम में लग गए। तब से वो लगातार गांधी परिवार के खास माने जाते हैं। कुछ समय पहले तक उन्हे राहुल गांधी का राजनैतिक गुरू भी कहा जाता था।