भोपाल। पिछले तीन दिन से संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ एवं युनाईटेड फोरम फार पावर इंजीनियर्स के बैनर तले आंदोलन कर रहे बिजली संविदा और आऊट सोर्सिग के कर्मचारियों ने नियमितीकरण तथा आऊट सोर्सिग के कर्मचारियों को बीचौलियों से मुक्ति के लिए अनिश्चित कालीन हड़ताल के तीसरे दिन अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन किया।
नियमित अभियन्ता संघ ने भी किया हड़ताल का ऐलान
नियमित अभियनता के संघ अध्यक्ष व्ही.के.एस परिहार ने भी 20 तारीख को बिजली अभियन्ता (इंजीनियर्स ) संघ की बैठक भोपाल में बुलाई है। जिसमें संविदा कर्मचारियों की हड़ताल के कारण अभियन्ताओं तथा अन्य तकनीकी कर्मचारियों से 24-24 घंटे काम लिया जा रहा है। जिसके कारण वो सभी तनाव और दबाव में हैं तथा संविदा इंजीनियर्स और कर्मचारियों के साथ अगले सप्ताह से वो भी हड़ताल पर जाने का ऐलान कर रहे हैं।
संविदा कर्मचारी क्यों चाहते नियमितीकरण
बार-बार संविदा बढ़ाने के नाम पर अधिकारी पैसे मांगते हैं। संविदा नवीनीकरण नहीं करने का डर दिखाकर अनुचित काम करवाते हैं। संविदा लाईन मेनों को खम्बे और लाईन पर चढ़वाते हैं। जबकि संविदा लाईन मेनों को खम्बे पर चढ़ने का कोई अधिकार ही नहीं है। बिजली लाईन में कार्य करते समय कोई दुर्घटना हो जाए तो नियमित अधिकारी तुरंत पल्ला झाड़ लेते है। कोई मुआवजा, अनुकम्पा नियुक्ति का प्रावधान नहीं होने से परिवार सड़कों पर आ जाता है। संविदा कर्मचारियों को वेतन नियमित कर्मचारियों से आधा दिया जाता है।
आऊट सोर्सिग कर्मचारियों की क्या समस्या है
बिजली विभाग में आऊट सोर्सिंग कर्मचारी एजेंसियों के माध्यम् से रखे गये हैं। एजेंसियां कम्पनी से अधिक पैसा लेती हैं कर्मचारियों को आधा पैसा देती हैं। नौकरी पर रखने के नाम पर एडवांस में डिपाजिट करवाती हैं।
भाजपा के घोषणा पत्र 2013 में है नियमितीकरण का वादा -
भाजपा सरकार के घोषणा पत्र 2013 में किये गये वादे के अनुसार संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए।वर्तमान में आऊट सोर्सिग पर कार्य कर रहे कर्मचारियों को योग्यता अनुसार संविदा पर लिया जाए अथवा नियमित किया जाए । ठेके पर आऊट सोर्सिग की भर्ती बंद की जाए । निष्कासित संविदा कर्मचारियों को बहाल किया जाए । कल भी अम्बेडकर मैदान पर धरना दिया जायेगा।