भोपाल। नियमितीकरण एवं दूसरी मांगों के लिए राजधानी में बिजली कंपनियों के संविदा कर्मचारी 4 दिन से हड़ताल पर है। आज इसी दौरान ग्वालियर के कर्मचारी नेता रामनारायण दीक्षित की मौत हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि उन्हे हार्टअटैक आया था। इससे पहले उन्होंने हड़ताली कर्मचारियों को मंच से संबोधित किया था। बता दें कि आज ही सरकार और बिजली कंपनियों की ओर से धमकी दी गई थी कि यदि हड़ताल वापस नहीं ली तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भोपाल में इन दिनों तापमान 42 डिग्री पार हो रहा है।
शहर के अंबेडकर मैदान में चल रहे प्रदर्शन के दौरान गुरुवार को एक पदाधिकारी को हार्ट अटैक आ गया, जिसकी इलाज के दौरान जेपी अस्पताल में मौत हो गई। मृतक का नाम रामनारायण दीक्षित है, जो कर्मचारी यूनियन पदाधिकारी था। मृतक ग्वालियर से संविदा बिजली कर्मियों की हड़ताल का समर्थन करने आया था। इस दौरान उसने आंदोलन को संबोधित भी किया। भाषण के बाद रामनारायण दीक्षित जैसे ही अपनी जगह पर पहुंचे उन्हें हार्टअटैक आ गया। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले लाया गया। अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इससे पहले एक हड़ताली कर्मचारी चक्कर खाकर गिर पड़ा था।
आप ने मांगा शिवराज सिंह से इस्तीफा
बिजली कर्मचारी की मौत को आम आदमी पार्टी ने खेदजनक बताते हुए शिवराज सिंह चौहान से इस्तीफा मांगा है। पार्टी के प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल ने कहा की यह मौत शिवराज सरकार द्वारा की गई 'हत्या' है। इसलिए उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। आप नेता ने कहा कि मप्र में बिजली के क्षेत्र में 2 लाख करोड़ से अधिक के घोटाले हुए हैं। अगर भ्रष्टाचार न होता, तो इतने पैसों से शिवराज सरकार सभी संविदा कर्मचारियों को आसानी से नियमित कर सकती थी। अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली में उनकी सरकार ने सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित कर दिया है। 2018 में अगर मप्र में सरकार बनती है, तो यहां भी उनकी पार्टी ऐसा ही करेगी।
गर्मी के कारण बीमार हो रहे हैं आंदोलनकारी
प्रदेश में पड़ रही गर्मी और लू के असर से आंदोलनकारी लगातार बीमार हो रहे हैं। दिन-भर कड़ी धूप में कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार का ध्यान उनकी ओर नहीं जा रहा है।
सीएम शिवराज सिंह ने दी थी धमकी
उधर, एक कार्यक्रम के दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हड़ताली कर्मचारियों के लिए कहा है कि, प्यार से मांगोगे तो सबकुछ मिलेगा, दादागिरी नहीं चलेगी। वहीं, मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा कि, पिछले तीन सालों से हम प्यार से ही पेश आ रहे हैं। अपनी मांगों के निराकरण को लेकर कई बार सरकार और बिजली कंपनियों को ज्ञापन सौंपे और आंदोलन किया, लेकिन मांगों का निराकरण नहीं हुआ।