नई दिल्ली। यूपी चुनाव में EVM घोटाले के आरोप और मप्र के भिंड जिले में हो रहे उपचुनाव के दौरान 3 में से 2 वोट भाजपा को मिलने का खुलासा होने के बाद दिल्ली नगरीय निकाय चुनाव में अरविंद केजरीवाल हमलावर हो गए हैं तो चुनाव आयोग ने भी उन्हे खुला चैलेंज किया है। आयोग ने कहा है कि वो EVM मशीन ले जाएं, किसी से भी जांच कराएं और गड़बड़ी निकालकर दिखा दें।
केजरीवाल का दावा है कि उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल हुई ईवीएम में बड़ी सफाई से छेड़छाड़ हुई है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के भिंड उपचुनाव की जिस ईवीएम में गड़बड़ी मिली है, उसे उत्तरप्रदेश से भेजा गया था। केजरीवाल का चुनाव आयोग पर आरोप है कि इस मामले में कानून का उल्लंघन हुआ है। बगैर 45 दिन पूरा हुए मशीन दूसरे चुनाव में भेज दी गई। केजरीवाल ने आयोग से कहा कि वह ईवीएम उन्हें दे दे, वह दिखा देंगे कि इसमें छेड़छाड़ कैसे की जाती है। बगैर ईवीएम जांच के होने वाले चुनावों को केजरीवाल ने बेकार बताया है।
केजरीवाल के चैंलेज को स्वीकर करते हुए चुनाव आयोग जल्द ही ईवीएम जांच के लिए केजरीवाल को सौंप सकती है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक चुनाव आयोग का कहना है कि वह इस चैलेंज के लिए जल्द ही तारीख तय करेंगे। चुनाव आयोग का कहना है कि 2009 में भी ईवीएम की स्वामित्वता पर सवाल उठाए जाने के बाद हमने खुला चैलेंज दिया था लेकिन कोई इसे प्रूव नहीं कर सका।
चूंकि इस तरह की आकस्मिकताओं को एक बार फिर से उठाया गया है तो हम फिर से इसे दोहराएंगे। इंडियन एक्सप्रेस ने चुनाव आयोग के सूत्रों के हवाले से लिखा है कि चुनाव आयोग सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों को इस 'ओपेन चैलेंज' में बुलाएगा। इन प्रतिनिधियों के अलावा चुनाव आयोग उन लोगों को भी बुलाएगा जो टेक्नॉलोजी के बारे में अच्छे से जानते हैं। उस व्यक्ति व संगठन को भी बुलाया जाएगा जिसने व्यक्तिगत तौर पर ईवीएम के साथ छेड़छाड़ शिकायत की है।
गौरतलब है कि इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की बात कही थी। मायावती इस मुद्दे को लेकर कोर्ट भी गई हैं। बसपा के अलावा सपा, कांग्रेस भी ईवीएम छेड़छाड़ मुद्दे को जोर-शोर से उठाती रही है।