भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने दिल्ली की एक अदालत में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के विरुद्ध वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा लगाये गए एक ‘मानहानि’ प्रकरण में वकील को दी जाने वाली फीस को लेकर भाजपा पर दोहरे राजनैतिक चरित्र अपनाने का आरोप लगाया है। मिश्रा ने दावा किया है कि इसी तरह के एक मामले में मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए नियुक्त हुए वकील की फीस सरकारी खजाने से चुकाई गई थी। इस मामले पर भाजपा ने कोई सवाल नहीं उठाया।
मिश्रा ने कहा की दिल्ली में भाजपा, केजरीवाल द्वारा उनके वकील राम जेठमलानी को दी जाने वाली फीस को जनता के पैसों व सरकार के खजाने में डाका बता रही है, जबकि म.प्र. में उन्हीं की पार्टी की सरकार के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के खिलाफ म.प्र.उच्च न्यायालय,जबलपुर में लंबित दाण्डिक पुनरीक्षण क्र.1919/2011, रमेश साहू विरुद्ध शिवराजसिंह चौहान के मामले में राज्य सरकार ने दिल्ली के वरिष्ठ वकील उदय ललित को रु.11 लाख प्रति पेशी दिए जाने की शर्त पर पैरवी करने के लिए नियुक्त किया गया था और यह भी सुनिश्चित किया गया था कि यह भुगतान सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा किया जायेगा। इस सम्बन्ध में विधिवत आदेश म.प्र.शासन वे विधि एवं विधायी कार्य विभाग ने 9 दिसम्बर, 2011 को जारी किये थे।
मिश्रा ने केजरीवाल प्रकरण में वकील की फीस को जनता के धन की बर्बादी व सरकार के खजाने में डाका बताने वाली भाजपा से पूछा है कि अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार (डम्पर कांड) के आरोप से बचने के लिए शिवराजसिंह द्वारा राज्य सरकार के कोष से खर्च की गई यह बड़ी धनराशि क्या ‘‘पवित्र मानव सेवा’’ को समर्पित थी ? उन्होंने भाजपा को सलाह दी है कि ‘‘जिनके घर खुद कांच के बने हों, उन्हें दूसरों के घर पत्थर नहीं फेंकना चाहिए।’’