नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने महिला पुलिस अधिकारी पर नाबालिग लड़की के यौन शोषण के आरोप में एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया। इसके पहले इस 13 वर्षीय नाबालिग लड़की ने अपने टीचर पर भी छेड़छाड़ का आरोप लगाया था और अब मामले की जांच कर रही महिला ऑफिसर पर उसने यौन शोषण का आरोप लगाया है। बच्ची ने कोर्ट को बताया कि महिला जांच अधिकारी ने उसके साथ यौन शोषण किया, जिसके बाद अतिरिक्त सेशन जज विनोद यादव ने आदेश देते हुए कहा लड़की द्वारा महिला पुलिस के खिलाफ शिकायत करने के बावजूद अधिकारी पर कार्रवाई नहीं की गई। इस बच्ची के साथ छेड़छाड़ करने वाले सरकारी टीचर की तीसरी जमानत याचिका भी कोर्ट ने खारिज कर दी।
अदालत ने कहा कि अब भी हालात में कोई बदलाव नहीं आया है, इसलिए टीचर को जमानत नहीं दी जा सकती। जज ने बताया, 'यह कहने की जरूरत नहीं की अपराधी टीचर मनोज राठी के लिए महिला पुलिस अधिकारी ने ऐसा किया और इसलिए टीचर की जमानत को खारिज किया जाता है।
बच्ची ने अपनी शिकायत में कहा कि पुलिस अधिकारी ने उसके पिता को धमकाया की उसकी मेडिकल जांच दोबारा कराए, नहीं तो वह झूठे केस में फंसा देगी। कोर्ट ने मंगोलपुरी के एसएचओ को महिला पुलिस अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया और 29 अप्रैल तक मामले की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया।
बता दें कि यह घटना पिछले साल अगस्त में हुई थी, जब अमन विहार के सरकारी स्कूल की पांचवीं कक्षा की छात्रा ने शिक्षक से सवाल पूछा था और शिक्षक ने उसे बाद में अकेले मिलने को कहा था। लड़की ने अपनी शिकायत में कहा था की टीचर ने उसके साथ छेड़खानी की और जब अगले दिन उसके माता-पिता स्कूल में शिकायत करने पहुंचे तब उन्हें धमकाया और एक पेपर पर पिता के अंगूठे की छाप ले ली गयी थी।
इसके बाद टीचर ने लड़की के पिता की ओर से उसमें लिखा कि उसने अपनी बेटी का यौन शोषण कई बार किया है और इस पर अन्य टीचर के हस्ताक्षर ले लिए। इसके बाद पुलिस ने आरोपी शिक्षक पर POCSO Act लगा दिया। पुलिस ने अन्य शिक्षकों और प्रिंसिपल के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया है।