इंदौर। फिल्म गब्बर इज बैक आपको याद होगी, जिसमें मर चुके एक व्यक्ति का इलाज बड़े अस्पताल में किया जाता रहा। फिल्म में देखने पर यह मामला फिल्मी सा नजर आता है, लेकिन हकीकत में ऐसा ही मामला इंदौर में सामने आया है। यहां के गोकुलदास अस्पताल में एक महिला को फांसी लगाने के बाद गंभीर हालत में इलाज के लिए 3 दिन पहले भर्ती किया गया था। जिसकी मौत के बाद भी डॉक्टर बिल बनाने के लिए शव का इलाज का ड्रामा करते रहे। उसे एमवाय ले जाने पर पता चला कि उसकी मौत 2 दिन पहले ही हो चुकी है।
मृतका के पिता ने बताया कि आर्थिक तंगी के चलते तीसरे दिन उसको एमवाय अस्पताल ले जाने की गुहार अस्पताल प्रबंधन से लगायी, तब प्रबंधन ने 22 हजार रुपयों का बिल बना दिया। लाख मिन्नतों के बाद बिल की राशी 17 हजार की और रुपया पूरा जमा कराने के बाद ही उसकी छुट्टी की। लेकिन जैसे ही उसे एमवाय अस्पताल लेकर पहुंचे, तो खुलासा हुआ कि उसकी मौत दो दिन पहले ही हो चुकी है।
पंढरीनाथ थाने के जांच अधिकारी प्रेम सिंह ने बताया कि मृतका अपने पति द्वारा छोड़कर जाने की बात कहने से दुखी होकर अपने घर में फांसी लगा ली थी। इसके बाद परिजन उसे लेकर गोकुलदास अस्पताल पहुंचे थे। उसकी शादी तीन साल पहले हुई थी। उसकी मौत के मामले में मर्ग कामय कर जांच शुरु कर दी है। परिजनों द्वारा गोकुलदास अस्पताल पर लगाए गए आरोपों की जांच की जा रही है।