इंदौर। इलाज के दौरान आरएसएस के एक नेता की मौत हो जाने के बाद उनके समर्थक संघ कार्यकर्ताओं ने गोकुलदास अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ मचाई। उनका आरोप है कि यह मौत डॉक्टरों की इलाज में लापरवाही के कारण हुई है। मौत के 2 घंटे बाद तक इस खबर को छुपाया गया। सूचना मिलते ही दो-तीन थानों का बल अस्पताल पहुंचा। शव को पोस्टमार्टम के लिए एमवायएच भिजवाया गया।
सुखलिया निवासी हिम्मतसिंह राठौर (41) को तीन दिन पहले गोकुलदास अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके मुंह में छाले हो गए थे। डॉक्टरों को कैंसर की आशंका थी। परिजन के मुताबिक डॉक्टरों ने बताया था कि इसके लिए छोटा सा ऑपरेशन करना पड़ेगा। दो दिन पहले उनका ऑपरेशन भी कर दिया गया। शुक्रवार दोपहर तक राठौर की तबीयत ठीक थी। वे परिचितों से बातचीत भी कर रहे थे। इस बीच अस्पताल स्टाफ ने उनके मुंह की सफाई कराई। इसके तुरंत बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और वे घबराहट की शिकायत करने लगे।
घटना के वक्त राठौर की पत्नी और 15 वर्षीय बेटा अस्पताल में ही थे। उन्होंने तबीयत बिगड़ने की शिकायत डॉक्टरों से की लेकिन कुछ नहीं हुआ। दो घंटे बाद डॉक्टरों ने हिम्मतसिंह को मृत घोषित कर दिया। यह पता चलते ही परिजन और परिचित आक्रोशित हो गए। उन्होंने केबिन, गेट, कुर्सियां आदि तोड़ दीं।
सिंह की मौत की खबर लगते ही बड़ी संख्या में संघ कार्यकर्ता अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने इलाज में बरती लापरवाही पर आक्रोश जताया। हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस अस्पताल पहुंच गई। उधर अस्पताल प्रबंधन ने किसी तरह की लापरवाही से इंकार करते हुए पुलिस में तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ शिकायत की है।