भोपाल। स्कूल एवं कॉलेज बस ओनर्स एसोसिएशन अब मनमानी पर उतर आई है। साथ ही यह संदेह भी पुख्ता कर रही है कि स्कूल एवं कॉलेज बसों में होने वाली घटनाएं इनके मालिकों की जानकारी में या उनकी स्वीकृति से होतीं हैं। भोपाल कलेक्टर निशांत वरवड़े ने आदेश दिया है कि 15 अप्रैल तक सभी स्कूल/कॉलेज बसों में GPS और CCTV लगा दिए जाने चाहिए। स्कूल एवं कॉलेज बस ओनर्स एसोसिएशन इस आदेश का पालन करना नहीं चाहती। उसने इस आदेश के खिलाफ हड़ताल का ऐलान किया है।
स्कूल एवं कॉलेज बस ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नसीम परवेज का कहना है कि, कलेक्टर अपनी मनमानी कर रहे हैं। गौरतलब है कि कलेक्टर निशांत वरवड़े ने 15 अप्रैल तक स्कूल एवं कॉलेज बसों में अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरे और जीपीएस लगाए जाने के निर्देश दिए हैं। ऐसा नहीं किए जाने पर बस संचालक के खिलाफ धारा 144 एवं 188 के तहत प्रकरण दर्ज कराए जाने की भी बात कही गई है। इस आदेश के विरोध में बस ओनर्स ने सोमवार से हड़ताल पर जाने की घोषणा की है।
कार्रवाई की जाएगीः कलेक्टर
इस मामले में कलेक्टर निशांत वरवड़े का कहना है कि डेड लाइन आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। बस ओनर्स को इस बारे में पिछले दो सालों से सूचित किया जा रहा है। इस बार जिन बस ओनर्स ने निर्देश फॉलो नहीं किए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बस ओनर्स ने की मांग
स्कूल और कॉलेज बसों में जीपीएस एवं कैमरे की अनिवार्यता समाप्त की जाए।
स्कूल बसों को पक्के परमिट एवं परमिट की वैधता तक लीज इंद्राज की जाए एवं 5 वर्ष की लीज इंद्राज की जाए।
स्कूलों बसों पर 600 रुपए पर सीट की पैनाल्टी को समाप्त किया जाए।
स्कूलों बसों से रुके हुए फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किए जाए।
कॉलेज बसों से सर्विस टैक्स समाप्त किया जाए।
स्कूल बसों को ग्रीन कार्ड दिए जाए।
सात महीने पहले शुरू की थी कार्रवाई
परिवहन विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर करीब सात महीने पहले 15 साल पुराने कमर्शियल वाहनों को हटाने की कार्रवाई शुरू की थी। तय किया गया था कि इस मामले में दावे-आपत्तियां बुलवाई जाएं, लेकिन तीन महीने तक चली कार्रवाई के दौरान किसी ने भी दावा या आपत्ति नहीं लगाईं। इस वजह से मामला आगे नहीं बढ़ सका। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सुनील राय सक्सेना का कहना है कि नए सिरे से कार्रवाई करेंगे।