नई दिल्ली। मोदी सरकार के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गए जीएसटी से जुड़े चारों बिल गुरुवार को राज्यसभा में भी पास हो गए और यह हो सकता पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की वजह से। उन्होंने कांग्रेस को अमेंडमेंट पेश करने से रोका। ये वही मनमोहन सिंह ने जिनका लोकसभा चुनाव 2014 के वक्त लगभग हर भाजपा कार्यकर्ता ने मजाक उड़ाया था। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के भीतर मोदी का मजाक उड़ाया था।
राज्यसभा में जो बिल पास हुए उनमें सेंट्रल जीएसटी (सी-जीएसटी), इंटिग्रेटेड जीएसटी (आई-जीएसटी), यूनियन जीएसटी (यूटी-जीएसटी) और मुआवजा कानून बिल शामिल हैं। अब इनके 1 जुलाई से लागू होने का रास्ता साफ हो गया है। लोकसभा में ये 29 मार्च को अमेंडमेंट के साथ पास हो चुके थे। दिलचस्प यह रहा कि राज्यसभा में कांग्रेस ने कोई अमेंडमेंट पेश नहीं किया। जयराम रमेश ने कहा बिल पर आम सहमति के लिए ऐसा न करने की उन्हें मनमोहन सिंह ने सलाह दी थी।
मोदी सरकार क्यों चाहती थी जीएसटी
माना जा रहा है कि जीएसटी से भारत के आर्थिक मामलों में बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा। इसके लागू होने के तत्काल बाद कुछ लोग सरकार से नाराज होंगे लेकिन जैसे जैसे यह पुराना होता जाएगा लोगों को अच्छा लगने लगेगा, क्योंकि इसके अच्छे प्रभाव सामने आने लगेंगे। मोदी सरकार चाहती थी कि किसी भी सूरत में अगले लोकसभा चुनाव से पहले व्यापारियों को अच्छे दिन का अहसास कराया जाए।
मोदी ने क्या कहा था मनमोहन के लिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के दौरान संसद के भीतर अपने उद्बोधन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को टारगेट करते हुए कहा था कि 'बाथरूम में रेनकोट पहनकर नहाने की कला कोई डॉक्टर साहब से सीखे।' भारत के इतिहास में यह पहली बार था जब संसद के भीतर किसी पूर्व प्रधानमंत्री पर किसी प्रधानमंत्री ने इस तरह की टिप्पणी की हो। सदन के बाहर भी इस उलाहना को सही साबित करने की दलीलें दी गईं थीं।