नई दिल्ली। तेलंगाना राज्य की राजधानी हैदराबाद में 12 साल की 5 मासूम एड्स पीड़ित लड़कियों से मैला साफ कराने का मामला प्रकाश में आया है। सभी लड़कियां एक अनाथालय में रह रही थीं जहां पर उनसे यह काम करवा गया। मामले का खुलासा होने के बाद अनाथालय के वार्डन और सुपरवाइजर को 12 साल की पांच एचआईवी पॉजिटिव लड़कियों से जबर्दस्ती सीवेज पाइप लाइन की गंदगी साफ कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
सीताफाल मंडी निवासी अरविंद (एड्स रोगियों के सद्भावना के राजदूत) उपल क्षेत्र के अनाथालय से गुजर रहे थे, तब उन्होंने घटना को नोटिस कर पुलिस को इसकी सूचना दी। अरविंद ने लड़कियों से गंदगी उठवाते देख उस घटना का वीडियो बना लिया। वीडियो में दिखाया गया है कि लड़कियों से गंदगी साफ कराने का निर्देश कुछ दूरी पर खड़े वार्डन और सुपरवाइजर की ओर से दिया जा रहा है।
बाल अधिकार कार्यकर्ताओं के साथ उपल पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने अनाथालय पर छापा मारकर आरोपियों को गिरफ्त में लिया। बाल अधिकार कार्यकर्ता अच्युत राव ने कहा कि अनाथालय के लगभग 230 बच्चे हैं जिनमें से 90 एचआईवी पॉजिटिव हैं। राव ने कहा, "यह चौंकाने वाला है कि वार्डन और पर्यवेक्षक वहां खड़े थे और यह बच्चे मेनहॉल साफ कर रहे हैं।" पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है।
इस अनाथालय की स्थापना 2003 में अमेरिकी नागरिक लियन गुहमैन ने की थी। गुहमैन भारतीय डॉक्टर वी रत्नम से शादी करके हैदराबाद में ही बस गए। वह शहर में एक अस्पताल चलाते हैं। इसका खुद का स्कूल है जिसमें एचआईवी पॉजिटिव बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिया जाता है।