
पिंजरा तोड़ नाम के ग्रुप ने सोशल मीडिया पर नोटिस की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, "एडमिनिस्ट्रेशन को अक्सर ऐसी फिक्र क्यों हो जाती है और इस बात की पुलिसिंग क्यों की जाती है कि औरतें क्या पहनें। आए दिन किसी न किसी इंस्टिट्यूट में ऐसे फरमान जारी किए जाते हैं।'
पहले भी आते रहे हैं ऐसे फरमान
पिछले साल केरल के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में लड़कियों के जींस, लैगिंग्स और आवाज करने वाले गहने पहने पर रोक लगा दी गई थी। सर्कुलर जारी कर लड़कियों से कहा गया था कि वे फॉर्मल ड्रेस में आएं। खासतौर पर चूड़ीदार ड्रेस या साड़ी में। उनके बाल बंधे होने चाहिए। इसी दौरान पटना के मगध महिला कॉलेज ने लड़कियों को सलवार-कुर्ता और दुपट्टा पहनकर स्कूल आने की हिदायत दी थी और कहा था कि ऐसा न करने पर जुर्माना भरना होगा। 2016 में ही मध्यप्रदेश के मौलाना आजाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में लड़कियों के मिनी स्कर्ट और शॉर्ट्स पहनने पर पाबंदी लगा दी गई थी। मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज में रिप्ड जींस पहनने पर रोक लगा दी गई थी।