भोपाल। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हमेशा खेती को फायदे का धंधा बनाने का वादा करते हैं परंतु अब जबकि वो इसमें सफल नहीं हो पाए तो उन्होंने खेतों में ही उद्योग स्थापित करने की योजना बना डाली। इसके तहत मप्र के 77 शहरों के किनारे खेतों में 744 उद्योग स्थापित करने की तैयारी चल रही है लेकिन इसका तीखा विरोध भी शुरू हो गया। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह खेत पर उद्योग लगाने से पर्यावरण को नुक्सान होगा। जिस खेत में उद्योग लगेगा वो किसान तो फायदे में रहेगा परंतु उसके पड़ौसी किसान बर्बाद हो जाएंगे।
शिवराज सिंह सरकार ने मप्र के 77 शहरों के मास्टर प्लान में बड़े बदलाव कर दिए हैं। नए प्रावधान से भोपाल के बड़े तालाब का कैचमेंट एरिया हो या फिर कोहेफिजा, कोलार हो या रातीबड़ का खुला इलाका, सभी जगहों पर सूचीबद्ध उद्योग लग सकेंगे। आवास एवं पर्यावरण विभाग ने इस प्रस्ताव के लिए गुपचुप एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। मौजूदा व्यवस्था में खेती या पीएसपी की जमीन का भू उपयोग परिवर्तन करवाना पड़ता है और लेकिन अब इसकी जरूरत खत्म करने का प्रस्ताव किया गया है। यानी बिना भू-उपयोग परिवर्तन किए उद्योग लगाए जा सकेंगे।
ये उद्योग लगाए जाएंगे खेतों में
एयर कंडीशनर्स और कूलर रिपेयरिंग व सवर्सिंग, साइकिल व नॉन मोटराइज्ड व्हीकल की असेंबलिंग, वेस्ट पेपर के लिए हायड्रोलिक प्रेस, बायो फर्टिलाइजर व बायाे पेस्टीसाइड्स, बिस्किट-अंडा ट्रे, चाय की ब्लेंडिंग और पैकिंग, पीओपी से चॉक बनाना, ऑक्सीजन गैस, कॉटन, सिंथेटिक और वूलन होजियरी, डीजल पंप रिपेयरिंग व सर्विसिंग, सीएफएल व इलेक्ट्रिक लैंप असेंबलिंग, फ्लाइ एेश ब्रिक्स व ब्लॉक्स, फाउंटेन पैन, ग्लास ट्यूब, लेदर कटिंग व सिलाई, सभी प्रकार के ब्रश, क्वायर मेट्रेस आदि।
इन शहरों के खेतों में लगाए जाएंगे उद्योग
भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, खंडवा, नीमच, मुलताई, होशंगाबाद, अशोकनगर, हरदा, महेश्वर, रायसेन, टीकमगढ़, अनूपपुर, राजगढ़, रतलाम, मंडला, खरगोन, डबरा, पांढुर्णा, सीधी, जावरा, धार, बुरहानपुर, सीहोरा, उमरिया, सतना, दतिया, भिंड, श्योपुर, झाबुआ, सीहोर, मुरैना, बीना, छिंदवाड़ा, शाजापुर, सिवनी, मंदसौर, देवास, इटारसी, शहडोल, बड़वानी, पन्ना, बैरसिया, सागर, उज्जैन, नया हरसूद, बैतूल, सिंगरौली, दमोह, सेंधवा, गोहद, शुजालपुर, गंजबासौदा, खुरई, रीवा, विदिशा, गुना, बालाघाट, छतरपुर, अलीराजपुर, कटनी, नरसिंहपुर, पिपरिया, रामपुर बाघेलान, शिवपुरी, खजुराहो, चंदेरी, ओरछा, सांची, अमरकंटक, ओंकारेश्वर, भेड़ाघाट, चित्रकूट, बांधवगढ़, मांडव और मैहर।