
भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तीखा हमला करके किया था। वे बोले-राजमाता हमारी प्रेरणा का केंद्र हैं लेकिन ज्योतिरादित्य जैसों की बात करें तो उन्हें राजमाता से मिलाने की कोशिश मत करना। ज्योतिरादित्य जैसे स्वार्थी लोग... मुझे कहते हुए आश्चर्य होता है जो ट्रस्ट लोक कल्याण के लिए होते हैं, उनकी जमीनें ज्योतिरादित्य ने बेच दी। शिवपुरी जैसे जिले में जहां गरीब बसते थे, ऐसी 700 एकड़ जमीन पर कब्जा कर बाउंड्रीवाल बना ली। राजमाताजी के चरणों में हमेशा यह शीश झुका रहेगा लेकिन जो उनके रास्तों पर नहीं चलते, उनको वह आदर किसी भी कीमत पर नहीं मिलेगा।
बता दें कि भिंड में अटेर उपचुनाव के समय सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि 'सिंधिया ने अंग्रेजों के साथ मिलकर लोगों पर जुल्म ढाए हैं।' इसके बाद उनका विरोध शुरू हो गया था। उनके इस बयान का विरोध उन्हीं की कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने भी किया था। उनका कहना था कि जिस सिंधिया परिवार की राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने भाजपा के लिए अपनी जमापूंजी तक खर्च कर दी। उसी भाजपा के नेता राजमाता के परिवार पर तोहमत कैसे लगा सकते हैं। तत्समय शिवराज सिंह बैकफुट पर आ गए थे परंतु धार में उन्होंने इस मामले को नया मोड़ दे दिया है। अब यह मामला फिर से सुर्ख हो गया है।