भोपाल। मप्र के दबंग आईएएस एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया अब अपने विभाग के मंत्री को भी तवज्जो नहीं दे रहे हैं। पंचायतों में काम कर रहे तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी निकायों की तर्ज पर पेंशन की मांग रहे हैं। मंत्री इस मामले में प्रस्ताव मांग रहे हैं परंतु अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया उनके पत्रों का जवाब ही नहीं दे रहे। लगातार 3 पत्रों को नजरअंदाज कर चुके हैं। मंत्री ने अब चौथा पत्र लिखकर 7 दिवस के भीतर प्रस्ताव मांगा है। यदि इस बार भी जुलानिया ने अपनी अदाएं दिखाईं तो तय मानिए कि मंत्री गोपाल भार्गव भी जुलानिया के खिलाफ संघर्ष में शामिल दिखाई देंगे। बता दें कि इन दिनों जुलानिया के खिलाफ मप्र के सरपंच सचिव हड़ताल पर हैं। इससे पहले भी जुलानिया के खिलाफ कई हड़तालें और विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं।
पत्रकार विकास तिवारी की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के जिला और जनपद पंचायतों के तृतीय श्रेणी, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव से लंबे समय से मांग कर रहे है कि उन्हें भी निकायों, मंडी बोर्ड और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारियों के अनुरुप पेंशन योजना का लाभ दिया जाए। प्रांतीय जिला एवं जनपद पंचायत अधिकारी-कर्मचारी संघ भोपाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव को इस संबंध में ज्ञापन दे चुके है। संघ ने उनकी मांग पूरी नहीं किए जाने पर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।
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निकायों की तर्ज पर पेंशन दिए जाने की मांग जिला एवं जनपद पंचायत अधिकारी कर्मचारी संघ की ओर से आई है। इस संबंध में वे कई बार विभागीय अधिकारियों को पत्र लिख कर याद दिला चुके है। अब सात दिन के भीतर इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर देने को कहा है।
गोपाल भार्गव,
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री
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मंत्रीजी का इस संबंध में कोई पत्र आया है उसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है। कार्यालय समय पर आए तो इसे देखने के बाद ही इस बारे में कुछ कह पाऊंगा।
राधेश्याम जुलानिया,
अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास