भोपाल। जैसी की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंहस्थ के दौरान घोषणा करवाई थी। सभी जातियों को पुरोहित/पुजारी बनाने का कार्यक्रम शुरू होने जा रहा है। यह एक डिप्लोमा पाठ्यक्रम होगा जो 1 साल में पूरा होगा। किसी भी जाति का व्यक्ति यहां तक कि महिलाएं भी इस पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं। डिप्लोमाधारी पुरोहितों को मप्र के मंदिरों में पुजारी नियुक्त किया जाएगा। इस घोषणा के बाद ब्राह्मण समाज ने भारी विरोध किया था। उस समय कहा गया था कि सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है।
एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबर के अनुसार महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के डायरेक्टर पीआर तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कोर्स का नाम 'पुरोहित्यम' रखा गया है जिसे जुलाई माह से शुरू करने की योजना है। प्रतिभागियों का चयन इस बात पर निर्भर करेगा कि वह भारतीय संस्कृति, रीति रिवाज, मंत्र और पूजा के तौर तरीकों के बारे में कितना जानते हैं। इसके साथ ही संस्कृत और योग को पूरे प्रदेश में फैलाने की कोशिश की जाएगी।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि प्रतिभागी संस्कार साहित्य (गृह सूत्रों) के बारे में भी जानकारी हासिल कर सकते है जिसमें हिंदु धर्म के 16 संस्कारों के बारे में जानकारी दी जाएगी। ऐसा पहली बार हो रहा है जब राज्य सरकार इस तरह के कोर्स में दिलचस्पी दिखा रही है। इसके लिए परीक्षार्थी का 12वीं पास होना अनिवार्य है। इस संबंध में कुछ दिनों पहले स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह ने बताया था कि सरकार महिलाओं को भी पुजारी बनने का मौका देना चाहती है। इसके लिए महिला संस्कृत स्कूल की शुरूआत की जाएगी।