MPPSC: बाहरी अभ्यर्थियों की आयुसीमा 35 से घटाकर 28 वर्ष

Bhopal Samachar
इंदौर। मप्र लोक सेवा आयोग (एमपी पीएससी) दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों के लिए प्रवेश की आयु सीमा 35 से घटाकर 28 की जाएगी। मुख्य सचिव बीपी सिंह की अध्यक्षता वाली वरिष्ठ सचिव स्तरीय कमेटी ने इस पर सहमति दे दी। कमेटी ने एमपी-पीएससी के साथ शासकीय तृतीय व चतुर्थ वर्ग में भर्ती की आयु सीमा भी 25 वर्ष की जाएगी। अभी एमपीपीएससी और तृतीय व चतुर्थ वर्ग में बाहरी छात्र-छात्राओं की आयु 35 वर्ष है। कमेटी की सहमति के बाद सामान्य प्रशासन विभाग इसे प्रशासकीय अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री समन्वय भेजेगा, इसके बाद कैबिनेट में मसौदा लाया जाएगा। 

सामान्य प्रशासन विभाग ने वरिष्ठ सचिव स्तरीय कमेटी के सामने एमपी-पीएससी की आयु सीमा 35 से 30 वर्ष करने का प्रस्ताव दिया था। चर्चा के बाद इसे दो साल और कम करके 28 वर्ष आयु सीमा तय करने पर सहमति बन गई। यहां बता दें कि 13 जनवरी 2016 को ही राज्य सरकार ने बाहरी छात्र-छात्राओं के लिए आयु सीमा 40 से घटाकर 35 की थी। सवा साल बाद इसे और घटाया जा रहा है। कमेटी ने मप्र से 12वीं व ग्रेजुएशन करने की बाध्यता को फिलहाल टाल दिया है। कमेटी के कुछ सदस्यों ने यह भी सुझाव दिया था कि आठवीं बोर्ड जिसने मप्र से की हो, उसे ही पात्र किया जाए। इस सुझाव को भी परीक्षण में रखा गया है। यहां बता दें कि एमपी-पीएससी में हर साल ढाई लाख अभ्यर्थी शामिल होते हैं, इसमें 7 से 10 फीसदी दूसरे राज्यों के होते हैं। 

जिला संवर्ग को राज्य संवर्ग बनाने की तैयारी 
राजस्व विभाग ने जिला संवर्ग को राज्य संवर्ग (स्टेट कैडर) बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। विभाग ने इस संबंध में एक प्रस्ताव शासन को भेजा है। इसमें कहा है कि पटवारियों की भर्ती होनी है। जिला संवर्ग होने की वजह से योग्य व्यक्ति का चयन नहीं हो पाता। इसलिए जिला संवर्ग को राज्य स्तरीय कर दिया जाए, ताकि योग्य पटवारी मिल सकें। राजस्व विभाग के इस प्रस्ताव को लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। जिला कैडर इसलिए बनाया गया था कि जिले के युवाओं को लाभ मिल सके। यदि विभाग स्टेट कैडर कर देगा तो भोपाल, इंदौर या जबलपुर जैसे शहरों में कोचिंग करने वाले छात्र-छात्राएं पटवारी परीक्षा में ज्यादा चयनित हो जाएंगे। 

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!