शाहजहांपुर | उत्तर प्रदेश में शाहजहांपुर के रोजा क्षेत्र में आज एक छात्रा की संदिग्ध मौत हो गई। छात्रा मंजू सिंह, आर्य महिला डिग्री कॉलेज में एमए की छात्रा थी। आज जब वो अपने कमरे में अकेली थी तभी अचानक एक गोली चलने की आवाज आई। उसके पिता ने ऊपर जाकर देखा तो मंजू सिंह की लाश पड़ी थी। पेट में गोली धंसी हुई थी। पास में एक देसी तमंचा भी पड़ा था। पुलिस इसे आत्महत्या मान रही है परंतु मंजू के पास तमंचा कहां से आया किसी को नहीं पता। अत: मामला हत्या का भी हो सकता है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जिला लखीमपुर खीरी के पसगवां थाना क्षेत्र के ग्राम बरौरा निवासी यदुवीर सिंह अपने परिवार के साथ रोजा थाना क्षेत्र के हथौड़िया गांव स्थित प्रकाश ईट भट्टा पर नौकरी करते हैं और काफी सालों से वही भट्टे पर रह रहे हैं। आज सुबह उन्हें मकान की ऊपरी मंजिल से गोली चलने की आवाज आई, जब सभी ऊपर गए तो देखा कि बेटी मंजू (24) के पेट में गोली लगी है, उसे जिला अस्पताल ले जाया जा रहा था, तभी उसने रास्ते में दम तोड़ दिया।
पुलिस ने बताया कि मंजू आर्य महिला डिग्री कॉलेज में एमए की छात्रा थी। वह करीब 15 दिन से काफी परेशान रहती थी। उससे पूछा भी गया, लेकिन बताया कुछ नहीं जब पुलिस द्वारा मंजू के पिता यदुवीर सिंह से तमंचे के बारे में जानकारी की तो उसने अनभिज्ञता जाहिर की और कहा कि मुझे नहीं पता कि मंजू के पास तमंचा कहां से आया। वह उसके मरने का कारण भी नहीं बता सके। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है तथा मामले की जांच कर रही है। पुलिस के अनुसार प्रथम दृष्टया मामला प्रेम प्रसंग का होना प्रतीत हो रहा है।
यहां एक बड़ा सवाल यह है कि छात्रा के पास तमंचा कहां से आया। उसने सुसाइड करने के लिए तमंचे का ही उपयोग क्यों किया जबकि महिलाएं अक्सर हथियारों का उपयोग नहीं करतीं। गोली पेट में लगी है, जबकि पिस्लौत से सुसाइड करने वाले लोग अक्सर अपने सिर में गोली मारते हैं। पेट में गोली ज्यादातर उस समय लगती है जब कोई बहुत नजदीक से उसे गोली मारे या फिर हत्यारा उसके इतने नजदीक हो कि छात्रा को पता ही नहीं चला हो और उसने चुपके से पिस्तौल निकालकर गोली पेट में मार दी हो।