सागर। एनमार्ट स्टोर के लिए उपभोक्ता से 5500 रुपए लेने वाले ऐजेंट को अब 18500 रुपए अदा करने होंगे। उपभोक्ता ने ऐजेंट के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया था। बता दें कि एनमार्ट की रिटेल स्टोर खुलने के नाम पर हजारों लोगों से पैसे जमा कराए गए और फिर स्टोर नहीं खुली। कंपनी विवादों में आ गई। हजारों लोगों का पैसा डूब गया परंतु एक उपभोक्ता ने फोरम में मुकदमा ठोक दिया।
अधिवक्ता अनिल समैया ने बताया कि जीएडी कॉलोनी गोपालगंज निवासी गीता पत्नी मुकेश मानव बिदुआ को सूरत की न्यू लुक मल्टी ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्रतिनिधि मुरैना निवासी हरिओम पिता प्रहलाद सिंह सिकरवार ने बताया था कि कंपनी शहर में रिटेल स्टोर्स खोल रही है। कंपनी ने एनमार्ट नाम से प्लान शुरू किया है। इसके तहत कंपनी की ओर से सूट लेंथ व 220 रुपए के 48 कूपन फ्री खरीदी के लिए दिए जाएंगे। साथ ही एक लॉयल्टी कार्ड दिया जाएगा। इस पर 1500 रुपए तक उधार खरीदी की सुविधा होगी।
48 माह में 72000 रुपए की खरीदी पर 1100 रुपए राॅयल्टी बोनस भी मिलेगा। इस प्लान को लेने के लिए 5500 रुपए जमा करने हाेंगे। इस पर गीता बिदुआ ने 7 जुलाई 2012 को कंपनी में 5500 रुपए जमा करा दिए। एक माह में सामान नहीं आने पर संपर्क किया तो कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और प्रतिनिधि ने एनमार्ट रिसिप्ट और क्रेडिट वाउचर दिया। इसके एक साल बाद भी शहर में स्टोर्स नहीं खुला। इस पर कंपनी और उसके प्रतिनिधि के खिलाफ जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम के अध्यक्ष सुबोध जैन सदस्य अनुभा वर्मा और मीनाक्षी सिंह के समक्ष परिवाद पेश किया गया।
इसमें विभिन्न मदों में 37000 रुपए दिलाने की मांग की गई। कोर्ट ने आंशिक रूप से परिवाद स्वीकार करते हुए कंपनी और उसके प्रतिनिधि को सेवा में कमी और व्यावसायिक कदाचार का दोषी माना। कोर्ट ने कंपनी और उसके प्रतिनिधि को एक माह के अंदर उपभोक्ता को विभिन्न मदों में 18500 रुपए अदा करने के आदेश दिए। समयसीमा में अदायगी नहीं करने पर 6 फीसदी सालाना ब्याज लगाया।