नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि महिलाओं को शादी के बाद पासपोर्ट में नाम बदलवाने की जरूरत नहीं है। उनको पासपोर्ट के लिए शादी या तलाक का सर्टिफिकेट देने की भी जरूरत नहीं है, महिलाएं पासपोर्ट के लिए एप्लिकेशन में अपने पिता या मां का नाम लिख सकती हैं। न्यूज एजेंसी के मुताबिक इंडियन मर्चेन्ट चैम्बर की लेडीज विंग के गोल्डन जुबली सेलिब्रेशन में मोदी ने महिलाओं को पुरुषों की तरह ज्यादा मौके देने की जरूरत बताई।
उन्होंने कहा, "हमने हाल ही में मैटरनिटी बिल पास किया है, जिसमें छुट्टियों की संख्या दोगुने से ज्यादा यानी 12 से बढ़ाकर 26 हफ्ते की गई है। मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस प्रोग्राम में शामिल हुए। उन्होंने देश के विकास में महिलाओं के योगदान का जिक्र किया और कहा कि उनकी क्षमता दिन प्रतिदिन बढ़ रही है।
सोसाइटी पर भी उठाए सवाल
मोदी ने देश में पितृसत्तात्मक समाज (patriarchal society) के बारे में भी बोला। उन्होंने कहा, "ऐसा क्यों है कि संपत्ति और घर पति या लड़कों के ही नाम किए जाते हैं? अगर घर की रजिस्ट्री महिला के नाम पर है तो पासपोर्ट हासिल करने के लिए उसे शादी या तलाक का सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं है।
उज्ज्वला स्कीम का नया टारगेट तय किया
प्रोग्राम के दौरान मोदी ने यह भी कहा कि सरकार ने अगले 2 साल में 5 करोड़ महिलाओं को उज्ज्वला स्कीम का फायदा देने का टारगेट रखा है। अभी सिर्फ 2 करोड़ महिलाएं ही इस स्कीम का फायदा उठा रही हैं।