भोपाल। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों नर्मदा सेवा यात्रा में प्राणपण से जुटे हुए हैं। आरोप है कि नर्मदा किनारे की 121 विधानसभाओं पर कब्जा कायम करने के लिए सरकारी खर्च करके धर्म के नाम पर धाक जमाई जा रही है। इसके इतर सेवा यात्रा की सफलता से उत्साहित शिवराज सिंह समापन के अवसर पर 5 लाख लोगों को नर्मदा तट पर जुटाने वाले हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पूछा है कि ये लोग जब नर्मदा स्नान करेंगे तो पवित्र नदी का जल भी दूषित होगा। उसे निर्मल बनाए रखने के लिए क्या प्रबंध किया है।
एनजीटी ने इस बात पर चिंता जताई है कि यदि पांच लाख में से 50 प्रतिशत ने भी नर्मदा में डुबकी लगाई, तो जल प्रदूषण की क्या स्थिति होगी। वहीं अमरकंटक में नर्मदा के उदगम स्थल के पानी की जांच में कोलीफॉर्म बैक्टेरिया होने की पुष्टि पर भी एनजीटी ने राज्य शासन से जवाब मांगा है। अमरकंटक में नर्मदा नदी के किनारे हो रहे पर्यावरण नियमों के उल्लंघन को लेकर स्थानीय रहवासी संजीव तिवारी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हुई।
इस दौरान शासन ने नर्मदा नदी के उदगम स्थल के पानी की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट में नदी के उदगम स्थल में कोलीफॉर्म होना सामने आया है। शासन की ओर से जवाब में बताया गया कि यहां श्रद्धालुओं द्वारा चावल व फूल चढ़ाए जाते हैं, जिनके कारण कोलीफॉर्म आ रहा है। लेकिन एनजीटी ने शासन के जवाब को यह कहकर खारिज कर दिया कि कोलीफॉर्म सीवेज का पानी मिलने से नदी में आता है।