नई दिल्ली। जिस मध्यप्रदेश में राज्य के गठन से लेकर आज तक कई बार भाजपा की सरकार रही और पिछले 15 साल से जहां भाजपा की सरकार काबिज है, जहां राष्ट्रीय स्वयं सेवक संगठन काफी मजबूत स्थिति में हैं उस मध्यप्रदेश में देश के सबसे ज्यादा रजिस्टर्ड बूचड़खाने चल रहे हैं। इसके अलावा शिवसेना के प्रभाव वाला महाराष्ट्र दूसरा ऐसा राज्य है जहां देश के सबसे ज्यादा रजिस्टर्ड बूचड़खाने हैं। यह खुलासा एक आरटीआई में हुआ है। प्राप्त लिस्ट के अनुसार तमिलनाडु में 425, मध्यप्रदेश में 262 और महाराष्ट्र में 249 बूचड़खाने रजिस्टर्ड हैं। तमिलनाडु शुरू से ही मांसाहारियों का प्रदेश माना जाता है परंतु मध्यप्रदेश को दुनिया शाकाहारियों का प्रदेश मानती है।
याद दिला दें कि मप्र में लगातार तीसरी बार चुनकर आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अक्सर जैन समाज के कार्यक्रमों में शाकाहार की वकालत करते हैं। आंगनवाड़ियों में जब केंद्र सरकार ने कुपोषित बच्चों को अंडा खिलाने का निर्देश दिया तो सीएम शिवराज सिंह ने दृढ़तापूर्वक इसका विरोध करते हुए इस निर्देश का पालन नहीं होने दिया। सवाल यह है कि उसी शिवराज सिंह सरकार में इतने सारे बूचड़खाने चल कैसे रहे हैं।
मध्यप्रदेश के नीमच के रहने वाले आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने बताया कि भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने उन्हें ये आंकड़े मुहैया कराए हैं। फूड लायसेंसिंग एंड रजिस्ट्रेशन सिस्टम के जरिये ये जानकारी प्राप्त हुई है। चंद्रशेखर गौड़ यह जानना चाहते थे कि देश में ऐसे कितने राज्य हैं जहां अवैध बूचड़खाने चल रहे हैं। मिली जानकारी से पता चला कि तमिलनाडु, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा पंजीकृत बूचड़ाखाने हैं। जबकि, अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, दादरा व नगर हवेली, दमन व दीव, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा में एक भी बूचड़खाना खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत पंजीकृत नहीं है।