शैलेंद्र गुप्ता/भोपाल। भोपाल सहित प्रदेश के अन्य जिलों में युवाओं के बीच इलेक्ट्रानिक सिगरेट की लत चिंताजनक है। तंबाखू से कई गुना नुकसानदेह नए प्रकार के इस नशे से युवा पीढ़ी को बचाना जरूरी है। इससे लंग्स कैंसर और ह्रदय संबंधी रोग तेजी से पनपते हैं। सरकार इस पर सख्ती से रोक लगाने के उपाय करे। मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. राघवेन्द्र शर्मा ने इस मुद्दे पर प्रदेश के मुख्य सचिव बीपी सिंह को पत्र सौंपा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में युवाओं और बच्चों में इस नशे की आदत की शिकायतें मिल रही हैं। युवाओं को ऑनलाइन आर्डर करने पर यह ई-सिगरेट आसानी से उपलब्ध हो रही है।
आयोग अध्यक्ष ने यह भी कहा कि सरकार प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से शराबबंदी की ओर बढ़ रही है। ऐसे में प्रदेश के युवाओं के बीच वैकल्पिक नशे के रूप में ई-सिगरेट का क्रेज बढ़ाने के प्रयास हो रहे हैं। इसलिए सरकार को इस पर सख्ती से प्रतिबंध लगाना चाहिए।
मौजूद हैं जहरीले तत्व
आयोग अध्यक्ष ने बताया कि जापान में नशे के इस तरीके पर हुई रिसर्च में यह बात सामने आई कि तंबाखू की तुलना में यह दस गुना जहरीला पदार्थ है। इसमें निकोटिन और कार्सिनोजिन सहित अन्य जहरीले तत्व भी पाए गए हैं। इसलिए इस नए प्रकार के खतरे पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार को पत्र भेजा गया है।