भोपाल। EVM घोटाला के सामने आते ही भिंड कलेक्टर एवं एसपी को हटा दिया गया। उनके स्थान पर एनएचएम में डायरेक्टर वी. किरण गोपाल को भिंड कलेक्टर बनाकर भेजा गया है। अब श्री गोपाल के नाम पर भी कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज कराई है। कांग्रेस का कहना है कि बालाघाट के पूर्व कलेक्टर वी. किरण गोपाल सागौन की लकड़ी तस्करी के आरोपी हैं। उनके खिलाफ जांच में दोष प्रमाणित हो चुका है। फिर उनसे कैसे उम्मीद की जाए कि वो निष्पक्ष और ईमानदार रहेंगे।
सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा कि इलेक्शन कमिशन निष्पक्ष चुनाव की बात कर रही है, लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है। गौरतलब है कि भिंड के नए कलेक्टर वी. किरण गोपाल पर लकड़ी तस्करी के गंभीर आरोप लग चुके हैं। इसको लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है।
बालाघाट से हटाए जा चुके हैं किरण
केके मिश्रा ने पीसी में कहा कि, जिन वी. किरण गोपाल की बतौर कलेक्टर तैनाती की गई है, उन पर लकड़ी तस्करी का आरोप है। किरण जब बालाघाट में पदस्थ थे तब उन्होंने करोड़ों रुपए की अवैध लकड़ी कटाई कर आंध्रप्रदेश में बन रहे अपने बंगले में इस्तेमाल करने के लिए भेजी थी। यह प्रमाणिक आरोप शासकीय जांच में सही साबित हुआ था। उस विवाद के बाद ही राज्य सरकार ने उन्हें बालाघाट से हटाया था।
रिपोर्ट देखने के बाद आयोग ले सकता है फैसला
रविवार को मप्र की सीईओ सलीना सिंह ने बताया कि तहसीलदार और नायब तहसीलदारों से संबंधित रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेज दी गई है। आयोग इस रिपोर्ट का परीक्षण करने के बाद सोमवार को फैसला ले सकता है। गौरतलब है कि ईवीएम गड़बड़ी मामले में चुनाव आयोग के निर्देश पर भिंड कलेक्टर इलैया राजा टी, एसपी अनिल सिंह कुशवाह और एसडीओपी इंद्रवीर सिंह भदौरिया को हटा दिया गया।
प्रमुख सचिव ने नहीं माना आयोग का आदेश
इस मामले में चुनाव आयोग ने तहसीलदार शाहिर खान और चार नायब तहसीलदारों जाहर सिंह, विनोद तोमर, दलबीर सिंह भदौरिया व राजेंद्र सिंह भदौरिया को भी हटाने के लिए शासन को लिखा था। लेकिन राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव अरुण पांडे ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर दो टूक कहा है कि वे अपने किसी भी अधिकारी को भिंड से नहीं हटाएंगे। उन्होंने लिखा कि तहसीलदार और नायब तहसीलदार की न तो कोई शिकायत है और न ही उन्हें लंबा समय हुआ है। कोई वाजिब कारण भी नहीं बताया गया है।