नई दिल्ली। भारत में इन दिनों रियल एस्टेट कारोबार काफी मंदी के दौर से गुजर रहा है। रातों रात करोड़ों के वारे न्यारे करने वाला यह बिजनेस अब कोड़ियों को तरसता नजर आ रहा है। एक अध्ययन के अनुसार जनवरी-मार्च के दौरान पिछली तिमाही की तुलना में आठ बड़े शहरों में मकानों की बिक्री आंशिक रूप से 1 फीसदी घटकर 28,131 रही। यह 2016 की तुलना में करीब 20 प्रतिशत कम है। हालात यह हैं कि अब कोई नया प्रोजेक्ट नहीं आ रहा है। बिल्डर्स अपने पुराने बने हुए मकानों को बेचने पर ही फोकस कर रहे हैं ताकि पूंजी निकाली जा सके।
रियल एस्टेट के आंकड़े, शोध एवं विश्लेषण कंपनी डाटा प्रोपइक्विटी के अनुसार गुरूग्राम, नोएडा, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलूरु, पुणे और चेन्नई में अक्टबूर-दिसंबर तिमाही के दौरान 28,472 मकानों की बिक्री हुई। रिपोर्ट के मुताबिक आपूर्ति के संदर्भ में वर्ष 2017 की पहली तिमाही में नए मकानों की शुरुआत पिछली तिमाही के 28,428 की तुलना में 19.46 फीसदी घटकर 22,897 रह गया।
नहीं बिके मकानों की संख्या 4,87,043 से 3.12 फीसदी घटकर 4,71,855 रह गई। डेवलपरों ने नए मकानों को निर्माण शुरू करने के बजाय तैयार मकानों की बिक्री पर ध्यान दिया। प्रोपइक्विटी ने कहा, 'आवासीय परियोजनाओं की मांग और नए लांच में गिरावट की रफ्तार पहली तिमाही में घट गई क्योंकि रियल एस्टेट में नोटबंदी का असर उम्मीदों से कहीं ज्यादा तेजी से कम हुआ है।'