जोधपुर | स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष पूर्व जिला सेशन न्यायाधीश ओम कुमार व्यास, सदस्य पूर्व जिला सेशन न्यायाधीश जमनादास थानवी और भवानीसिंह तंवर ने एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी को बीमा क्लैम अदा करने में आनाकानी का दोषी पाते हुए निर्देश दिया कि प्रार्थी श्रवण कुमार माहेश्वरी को दावा राशि 18 लाख 61 हजार 565 रुपए मय सात फीसदी ब्याज परिवाद व्यय अदा करें।
याचिकाकर्ता माहेश्वरी ने अधिवक्ता अनिल भंडारी के माध्यम से प्रकरण पेश कर कहा कि बैंक ने रानीवाड़ा रोड सांचौर स्थित आमने-सामने दोनों दुकानों का 37 लाख 50 हजार रुपए का अग्नि बीमा करवाया था। 28 जुलाई 2015 को आई बाढ़ में उन्हें लाखों रुपयों का नुकसान हो गया। बीमा कंपनी के सर्वेयर ने दोनों दुकानों का संयुक्त नुकसान आकलन 18 लाख 61 हजार 565 किया और प्रार्थी से इस बाबत सहमति ले ली, लेकिन बीमा कंपनी ने महज 8 लाख 35 हजार 568 रुपए का ही यह कहकर दावा मंजूर किया कि उन्होंने एक ही दुकान का बीमा किया है।
अधिवक्ता भंडारी ने कहा कि बीमा पॉलिसी आवरण में स्टोर्स शॉप्स लिखा हुआ है जो कि कदापि एक दुकान का नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि दोनों दुकानों का एक ही स्टॉक रजिस्टर है और बैंक ने सीसी लिमिट दी हुई है उन्होंने ही इसका बीमा करवाया है, इसलिए बीमा कंपनी ने एक दुकान के बीमा आवरण का नहीं लिखा है तो उनकी गलती का फायदा उन्हें नहीं बल्कि प्रार्थी को मिलेगा।