
कितना होगा फायदा?
उदाहरण के लिए अगर आपने 20 लाख रुपए का लोन 20 सालों के लिए लिया हुआ है तो आपकी मासिक ईएमआई 18,317 से घट कर 18,123 हो जाएगी। इस तरह आपको सालाना 2328 का फायदा होगा। एक अनुमान के मुताबिक 30 से 40 प्रतिशत लोन MCLR से लिंक्ड हैं बाकी सभी लोन बेस रेट पर ही हैं। एसबीआई ने MCLR में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है, बैंक जनवरी में MCLR में बड़ी कटौती कर चुका है। एसबीआई का एक साल का MCLR 8 प्रतिशत है वहीं, दो साल का रेट 8.1 प्रतिशत है।
क्या है बेस रेट और MCLR?
बेस रेट: यह वह न्यूनतम दर है जिस पर बैंक ग्राहकों को लोन दे सकते हैं। रिजर्व बैंक यह निगरानी करता है कि कोई भी बेस रेट से कम पर किसी भी कस्टमर को लोन न दे पाए। MCLR: ब्याज दर तय करने को लेकर रिजर्व बैंक ने 1 अप्रैल 2016 से MCLR की शुरुआत की। इससे पहले ब्याज दर बेस रेट के जरिए तय की जाती थीं। मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिग रेट के तहत बैंक ब्याज दर तय कर सकते हैं, यह दर लोन चुकाने के लिए कितने साल बाकी हैं उस पर भी निर्भर करेगी।