अभिनव मिश्रा/शाहजहांपुर | उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में खनन माफिया के हौंसले इस कदर बुलंद है कि पुलिस अधिकारी भी उनके आगे बौने साबित हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला पुवायां क्षेत्र में प्रकाश में आया है जहां पुलिस क्षेत्राधिकारी द्वारा बालू भरी ट्राली सीज कर देने पर खनन माफिया ने उनके आवास पर ही धावा बोल दिया। बताया गया है कि पुवायां के सीओ कल देर रात अपनी सरकारी गाड़ी से खुटार की ओर से जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने करनापुर के पास सड़क किनारे दो ट्रैक्टर-ट्राली खड़ी देखी। जब वह आगे बढ़े तो ट्रैक्टर-ट्राली स्टार्ट कर पुवायां की ओर ले जाई जाने लगी। उन्हें शक हुआ तो अपनी गाड़ी बैक कराई और एक ट्रैक्टर-ट्राली को रोका। ट्राली देखी तो उसमें बालू भरी हुई थी।
वह ट्रैक्टर-ट्राली पुवायां कोतवाली ले गए और उसे अपनी ओर से दाखिल कर सीज कर दिया। उसके बाद वह अपने आवास पर आ गये। रात करीब पौने बारह वहां करनापुर के प्रधान असलम, तौहीद, हमीर हमजा, नबीउल्ला करीब पंद्रह-बीस लोगों के साथ आए और जातिसूचक गाली गलौज करने लगे। सीओ को बालू खनन करने से रोकने पर धमकाया। सीओ के साथ ही आवास पर उनका ड्राइवर हरजिंदर भी था। इन दोनों लोगों ने आवास को अंदर से बंद कर लिया और फिर कोतवाली फोन किया।
कोतवाली से फोर्स पहुंचा, इससे पहले खनन माफिया भाग गए। इस मामले की जानकारी सीओ अरुण कुमार ने एसपी केबी सिंह को दी। केबी सिंह ने तत्काल एक प्लाटून पीएसी पुवायां रवाना कर दी। बाद में सीओ अरुण कुमार की ओर से पुवायां कोतवाली में करनापुर के प्रधान असलम, हमीर हमजा, तौहीद और नबीउल्ला के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोपियों पर हरिजन एक्ट भी लगाया गया है। उधर, जिस ट्रैक्टर को सीज किया गया, उसके ड्राइवर मेहराज पर भी मुकदमा दर्ज कराया गया है। हालांकि इस मामले में सीओ की भूमिका भी ठीक नहीं मानी जा रही है। प्रकरण की जांच किए जाने की तैयारी हो रही है। गाज सीओ पर भी गिर सकती है।