उपदेश अवस्थी/भोपाल। अटेर उपचुनाव में सबकुछ पहले से ही तय था। चुनाव आयोग ने जब 8 राज्यों की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए पहली मीटिंग भी नहीं की थी, उससे भी पहले तय हो गया था कि अटेर में कांग्रेस की ओर से हेमंत कटारे और बीजेपी की ओर से अरविंद भदौरिया प्रत्याशी होंगे। शिवराज सिंह ने भदौरिया के लिए जीत तश्तरी में सजाकर रख दी थी। आचार संहिता लागू होने से पहले ही वहां मंत्रियों के काफिले सरकारी खर्चों पर चुनावी सभाएं कर चुके थे। भाजपा के भितरघातियों को चुप करा लिया गया था। फिर भी अटेर हार गए और इस हार का कारण बने शिवराज सिंह के कुछ 'आग लगाऊ' बयान।
पहला बयान: माई का लाल
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में एक बार फिर यह बात दोहराई कि 'कोई माई का लाल आरक्षण को खत्म नहीं कर सकता।' यह बयान उन्होंने दलित वोट बैंक को अपने पक्ष में करने के लिए दिया था परंतु इससे अटेर का ठाकुर मतदाता भी नाराज हो गया। ब्राह्मण वोटर्स पहले से ही अरविंद भदौरिया का विरोधी था। दूसरे सवर्ण समाज के लोग भी गुस्सा गए। वो सवर्ण वर्ग जो बीजेपी का समर्थक था, वो भी बीजेपी के विरोध में आ गया।
दूसरा बयान: सिंधिया के इतिहास को कुरेदा
मुख्यमंत्री ने भिंड जिले के अटेर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी अरविंद भदौरिया के पक्ष में स्योंड़ा में जनसभा को संबोधित करते हुए दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि तत्कालीन सिंधिया राजघराने ने आजादी की लड़ाई के दौरान भिंड की जनता पर जुल्म किए हैं। इस बयान के बाद उनकी काफी किरकिरी हुई, क्योंकि भाजपा की जिस संस्थापक सदस्य विजयाराजे के चरणों में शिवराज सिंह वंदन किया करते थे वो भी तो इसी सिंधिया परिवार से आतीं हैं। दूसरे वो और उनकी पूरी टीम भिंड जिले से एक भी गवाह या घटना बतौर उदाहरण पेश नहीं कर पाए जिससे यह प्रमाणित किया जा सके कि सिंधिया ने भिंड में जुल्म ढाए थे। उल्टा ये कहानियां जरूर मिलतीं हैं कि चंबल के डाकुओं ने सिंधिया का खजाना कई बार लूटा। सिंधिया परिवार के प्रति आज भी ग्वालियर चंबल क्षेत्र में श्रद्धा का भाव है। लोगों को ये बयान नागवार गुजरा और इसका खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ा।
तीसरा बयान: अरविंद भदौरिया का गुणगान
सामान्यत: शिवराज सिंह चौहान जहां भी चुनाव प्रचार करने जाते हैं यह कहना नहीं भूलते कि आप प्रत्याशी की तरफ मत देखिए, आपके यहां से शिवराज सिंह चौहान चुनाव लड़ रहा है। आप आंख मूंदकर वोट दीजिए। आपके क्षेत्र के विकास की गारंटी मैं लेता हूं। लेकिन अटेर में उनके शब्द बदले हुए थे। उन्होंने अरविंद भदौरिया की जमकर तारीफ की। शिवराज सिंह चौहान जितना गुणगान करते गए, उतना ही भदौरिया के खिलाफ लोगों के मन में विरोध बढ़ता रहा। हालात यह बने कि वोटिंग वाले दिन भाजपा के कई कार्यकर्ता कांग्रेस को वोट देकर आए।