उपदेश अवस्थी/भोपाल। एक अदद शहडोल लोकसभा उपचुनाव जीतने के लिए ज्ञान सिंह की शर्तों के आगे घुटने टेकने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान धार में हुई भाजपा कार्यसमिति बैठक के दौरान काफी धारदार नजर आए। बचने से ही लोगों को भाषण सुनाने के शौकीन सीएम शिवराज सिंह चौहान को जब कार्यसमिति के दूसरे दिन अपनी ही कैबिनेट के मंत्री नजर नहीं आए तो वो काफी गुस्सा गए। उन्होंने भरे मंच से सभी अनुपस्थिति मंत्रियों से इस्तीफा मांग लिया।
मोहनखेड़ा में भाजपा की दो दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति का आयोजन हुआ। समापन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रियों अनुपस्थित पर खासे नाराज हुए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भुवनेश्वर की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में दो दिन का समय दे रहे हैं, तो प्रदेश कार्यसमिति सदस्य उनसे तो बड़े नहीं हो गए। वित्तमंत्री जयंत मलैया के बारे में पता है कि उनकी तबियत खराब है। गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह कथा में व्यस्त हैं, इसकी जानकारी है। कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन को मैंने छिंदवाड़ा भेजा है। कई मंत्री नहीं हैं। यदि उनके पास पार्टी के लिए दो दिन का समय नहीं हैं तो वो इसका उचित कारण बताएं या इस्तीफा देकर बाहर जाएं।
यहां बता दें कि प्रदेश कार्यसमिति बैठक के पहले दिन कुछ मंत्री मौजूद थे, लेकिन रात्रि में रवाना हो गए। कुछ नहीं पहुंचे। दूसरे दिन मौजूद रहने वालों में उमाशंकर गुप्ता, कुसुम मेहदेले, माया सिंह, अर्चना चिटनीस, पारस जैन, अंतरसिंह आर्य, लालसिंह आर्य व शरद जैन ही थे।
110 कार्यसमिति सदस्यों को नोटिस जारी करने के आदेश
मुख्यमंत्री ने प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार चौहान से कहा कि पार्टी के लिए दो दिन का समय नहीं निकाल पा रहे सदस्य उचित कारण बताएं या इस्तीफा दें। वे ऐसा नहीं करें तो उन्हें मुक्त कर दो। हमें सत्ता सबको आगे बढ़ाने के लिए मिली है। एक-एक मिनट कीमती है। प्रण-प्राण से जुटना होगा। बता दें प्रदेश कार्यसमिति में 532 सदस्य हैं, जिनमें से 422 ने उपस्थिति दर्ज कराई। संगठन मंत्री सुहास भगत ने भी जिले के प्रभारियों के बैठक नहीं लेने पर नाराजगी बताई।