छिंदवाड़ा/सौंसर। माइक्रो फाइनेंस कंपनी द्वारा की जा रही वसूली को लेकर शुक्रवार आक्रोश सड़क तक पहुंच गया। करीब तीन घंटे के भीतर मारपीट, तोड़फोड़ और चक्काजाम हुआ। पूर्व विधायक अजय चौरे की मौजूदगी में चक्काजाम हुआ। एक घंटे से ज्यादा देर तक चले चक्काजाम के कारण जनजीवन भी पूरी तरह प्रभावित हुआ। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पुलिस भी बेबस नजर आई। वहीं कंपनी के कर्मचारी भी काफी सहमे हुए हैं। हालांकि इस आंदोलन को लेकर सौंसर विधायक नानाभाउ मोहोड़ का कहना है कि पीड़ित महिलाओं का हल प्रशासनिक स्तर पर ही किया जा सकता है।
माईक्रो फाईनेंस कंपनियों के खिलाफ महिलाओं का चल रहा विरोध शुक्रवार को उग्र रूप में बदल गया। जिसका परिणाम मारपीट तोड़फोड़ और चक्काजाम आंदोलन के रूप में सामने आया। आक्रोशित महिलाओं ने पूर्व विधायक अजय चौरे के नेतृत्व में नागपुर छिन्दवाड़ा मार्ग पर लगभग एक घंटे तक चक्काजाम कर नागपुर-छिन्दवाडा मार्ग को पूरी तरह बंद कर दिया। प्रदर्शनकारियों के मुताबिक माईक्रोफाईनेंस कंपनियों के कर्मचारियों द्वारा बार-बार पैसे की वसूली को लेकर महिलाओं के घर जा कर परेशान किया जा रहा है और नोटिस भेज रहे थे। जिसके विरोध में महिलाओं द्वारा प्रशासन को ज्ञापन सौंपने तहसील कार्यालय पहुंचं थे। इसी दरमियान कंपनी का एक व्यक्ति महिलाओं की फोटो खींचते हुये नजर आया। जिसके बाद महिलाओं और कार्यकर्ताओं ने उसका पीछा कर जमकर धुनाई कर दी।
कंपनी कर्मचारी के बाद आक्रोशित महिलाओं ने तहसील कार्यालय से रैली निकालकर गजानन कॉलोनी स्थित स्पंदन माईक्रोफाईनेंस कंपनी के ऑफिस पहुंची और विरोध प्रदर्शन करने लगी। कुछ महिला और पुरूष आंदोलनकारियों ने उपर के ऑफिस में पहुंचकी दरवाजे को लात घूंसे मारकर कर्मचारियों के साथ में धक्का मुक्की और मारपीट की। इस दौरान कंपनी कर्मचारियों का बचाव करने पहुंचे ए एस आई केशव पटेल को भी महिलाओं के आक्रोश और विरोध का सामना करना पडा। सैकड़ों महिलाओं को ऑफिस और कर्मचारियों पर टूट पडते देख पुलिस ने अपने संरक्षण में कर्मचारियों को ऑफिस से बाहर निकाला।
माईक्रोफाईनेंस कंपनियों को सौंसर से बंद कराने और कर्मचारियों पर गिरफ्तारी की मांग को लेकर पूर्व विधायक अजय चौरे पिछड़ा वर्ग संघ के महामंत्री सोपान कोहले, महिला नेत्री रिंटू खान, पंकज ठाकरे, देवेन्द्र केदार, के साथ आठ सौ से अधिक महिला पुरूषों ने गजानन कॉलोनी नागपुर छिनदवाडा मुख्य मार्ग पर बैठकर प्रदर्शन करते हुये एक घंटे तक चक्काजाम किया। आंदोलन को संबोधित करते हुये पूर्व विधायक अजय चौरे ने कहा कि माईक्रोफाईनेंस कंपनी द्वारा क्षेत्र की महिलाओं को डराया धमकाया जा रहा है। साथ ही अवैध रूप से वसूली भी की जा रही है।
पूर्व में कई बार प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी माईक्रोफाईनेंस कंपनियों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। जब तक कंपनियों पर प्रशासन की ओर से ठोस कार्यवाही नही की जाती तब तक क्षेत्र में ऐसे आंदोलन जारी रहेंगे। इसके बाद एसडी एम डी एन सिंह, तहसीलदार देवेनद्र चौधरी, भारी पुलिस के साथ प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे। जहां पर आंदोलनकारियों से लंबी चर्चा करने के बाद कार्यवाही का आश्वासन देते हुये आंदोलन को स्थगित किया। इस दौरान रमेश बोडखे, वंदना कडु, प्रणिता सिरसे, अशोक मानापुरे, सुरेश बुटे, अनिरूद्ध दुफारे, प्रदीप इंगोले, अरविंद डाहाके, नितीन बोडखे, कंचन कांबले आदि उपस्थित थे।
भयभीत है कंपनी के कर्मचारी
इस पूरी घटना को लेकर माइक्रोफाइनेंस कंपनी के कर्मचारी काफी डरे हुए हैं। हालत ये रही कि पुलिस की मौजूदगी में कर्मचारियों को बाहर निकाला गया। अब कोई भी कर्मचारी इस मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर रहा है। वहीं कंपनी प्रबंधन की ओर से भी इसे लेकर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। वहीं प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वो पहले भी वसूली को लेकर शिकायत करते रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इनका कहना है
माइक्रो फाइनेंस कंपनी गरीब महिलाओं को प्रताड़ित कर रही है, जबरन वसूली पर तत्काल रोक लगनी चाहिए। हमारा आंदोलन आगे भी जारी रहेगा।
अजय चौरे, पूर्व विधायक
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महिलाओं की जो भी समस्या है, उसका समाधान शासकीय स्तर पर ही किया जा सकता है। जो भी लोग शिकायत करेंगे, उनकी समस्या का निराकरण करेंगे।
नानाभाउ मोहोड़, विधायक, सौंसर