यह समस्त जगत तत्वों से निर्मित है पंचतत्वों से सारी पृथ्वी और सभी प्राणियों का निर्माण हुआ।कुछ प्राणी जल मे तो कुछ थल और वायु मे निवास करते है इन तत्वों के तालमेल के आधार पर जलवायु का निर्माण होता है। मानव के अंदर भी पंच तत्वों का वास रहता है।प्राणी की कुंडली मे 12 राशी अलग अलग तत्वों का नेतृत्व करते है जो तत्व आपके व्यक्तित्व और भाग्य से जुड़े रहते है उसके सम्पर्क मे आने से व्यक्ति को सफलता मिलती है वही विपरीत तत्व के सम्पर्क मे आने से नुकसान का योग बनता है इसीलिये किसी विद्वान या खुद के ज्ञान से अपने शुभ और अशुभ तत्व की पहचान करनी चाहिये।
राशी और तत्व*-सभी 12 राशियों को चार वर्ग मे बांटा गय़ा है अग्नि तत्व ,पृथ्वी तत्व,वायु तत्व,जल तत्व।
*अग्नि वर्ग*-इस वर्ग मे चार राशियों मेष,सिंह धनु राशि है।
*पृथ्वी वर्ग*-इस वर्ग मे वृषभ,कन्या
मकर राशि का समावेश है।
*वायु वर्ग*-इस वर्ग मे मिथुन,तुला,कुम्भ राशि का समावेश है।
*जल वर्ग*-इस वर्ग मे कर्क,वृश्चिक
तथा मीन राशि का समावेश है।
राशितत्व के अनुसार व्यवसाय का चुनाव*
मेष,सिंह ,धनु-इस राशि का तत्व अग्नि है इसिलिये है इसीलिये अग्नि सम्बन्धी सभी व्यवसाय जैसे घरेलू ईधन ,बिजली,इंजीनीयर,पठाखे,बेकरी ,ईंट भट्टी आदि अग्नी से जुड़े कार्यों मे अच्छी सफलता के योग बनते है तथा इन कामों मे आपको सफलता भी मिलती है।
वृषभ,कन्या,मकर-इस राशि वालों का तत्व पृथ्वी होता है अर्थात भूमि इसिलिये इस राशि वालों को भूमि भवन खेती किसानी प्रॉपर्टी के कार्यों मे अच्छी सफलता मिलती है।
मिथुन,तुला,कुम्भ-इस राशि वाले जातक को वायु से जुड़े कार्य जैसे संचार,ट्रांसपोर्ट वायुयान उधौग वायुसेना आदि मे खास सफलता के योग रहते है।
कर्क,वृश्चिक मीन-इस राशि वालो को जल से जुड़े सभी कार्य जैसे समुद्री उद्योग पानी के जहाज मत्स्य पालन आदि से विशेष लाभ के योग बनते है।
पंडित चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
7000460931,
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