
विधेयक के अनुसार, ‘भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 309 में कोई भी प्रावधान हो, लेकिन उसके बावजूद कोई भी व्यक्ति यदि आत्महत्या का प्रयास करता है तो उसे (अगर अन्यथा कुछ साबित नहीं हुआ) अत्यंत तनाव में माना जाएगा और उस पर मुकदमा नहीं चलेगा और ना ही कथित संहिता के तहत दंडित किया जाएगा।’
आईपीसी की उक्त धारा में आत्महत्या का प्रयास करने वाले के लिए उस अवधि तक साधारण कैद का प्रावधान है जिसे जुर्माने के साथ या उसके बिना एक साल तक बढ़ाया जा सकता है। कानून के मुताबिक सरकार (केंद्र या राज्य) की अत्यंत तनाव से ग्रस्त व्यक्ति और आत्महत्या का प्रयास करने वाले को देखभाल, उपचार और पुनर्वास की सुविधा देने की जिम्मेदारी होगी ताकि खुदकुशी की कोशिश की पुनरावृत्ति के जोखिम को कम किया जा सके।