चेन्नई। जयललिता के बाद अन्नाद्रमुक की मुखिया बनीं और फिर सीएम पद की शपथ लेने की तैयारी कर रही शशिकला को पहला झटका तब लगा जब उन्हे जेल की सजा हुई और दूसरा बड़ा सदमा आज जबकि उन्हे उन्ही के बनाए मुख्यमंत्री ने अन्नाद्रमुक से परिवार सहित निष्कासित कर दिया। तमिलनाडु सरकार में मंत्री डी जयकुमार ने कहा है कि टीवी दिनाकरण और उनके परिवार को अन्नाद्रमुक एवं इसकी सरकार से दूर रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी की बैठक में एकमत से ये फैसला लिया गया है। अन्नाद्रमुक का कामकाज कमेटी के जिम्मे होगा।
पन्नीरसेल्वम धड़े की थी शर्त
पनीरसेल्वम धड़े का कहना था कि वह पार्टी के दूसरे धड़े से बातचीत इसी शर्त पर करेंगे यदि ‘‘शशिकला के परिवार को अन्नाद्रमुक से बाहर निकाल दिया जाए।’’ गौरतलब है कि सोमवार को कई मंत्रियों ने चेन्नई में बैठक करके दोनों विरोधी धड़ों के बीच संभावित मेल-मिलाप पर चर्चा की थी।
पन्नीरसेल्वम धड़े ने क्या कहा था
पन्नीरसेल्वम धड़े ने कहा था कि प्रमुख वीके शशिकला के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए कहा कि उनका ‘‘मूल सिद्धांत’’ है कि पार्टी या सरकार किसी एक परिवार के हाथों में नहीं रहेगी। इस साल फरवरी में विरोध करने के बाद शशिकला द्वारा पार्टी से बाहर निकाले गए पनीरसेल्वम दिवंगत जे. जयललिता की मृत्यु की जांच कराने की मांग पर भी अटल हैं।
पनीरसेल्वम ने की थी बगावत
पनीरसेल्वम ने फरवरी के आखिर में अन्नाद्रमुक महासचिव वी के शशिकला के खिलाफ बगावत कर दी थी। उन्होंने दावा किया था कि शशिकला ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया। जयललिता की मृत्यु के बाद पनीरसेल्वम को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था।जयललिता के वफादार पनीरसेल्वम राज्य के तीन बार मुख्यमंत्री बने। दो बार जयललिता के भ्रष्टाचार के मामलों में जेल जाने और एक बार जयललिता की मृत्यु के बाद वह मुख्यमंत्री बने।