गर्मी की छुट्टियां होते ही सभी लोग घूमने की प्लानिगं कर रहे होंगे। बात चाहे देश में घूमने की हो या विदेश घूमने की, छोटी-मोटी परेशानियां जैसे फ्लाइट मिस होना, ट्रेन छूटना, लगेज चोरी हो जाना जैसी बातें हमारी ट्रिप का मजा किरकिरा कर देती है। इन सभी बातों से दो-चार न होना पड़े, इसके लिए ट्रेवल इंश्योरेंस बेहतर विकल्प है। ये आपका खास ख्याल रखता है। आइए आज हम आपको बताते हैं ट्रेवल इंश्योरेंस से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में।
क्या होता है ट्रेवल इंश्योरेंस-
ये एक प्रकार का बीमा है, जो कि यात्रा के दौरान मेडिकल खर्चों, ट्रिप कैंसिल होना, सामान खो जाना आदि नुकसान होने की सूरत में आपको सुरक्षा देता है। ऐसे में यात्रा में आने वाली परेशानियों के दौरान इसका इस्तेमाल काफी राहत देने वाला होता है। ये न सिर्फ आपको सफर में आने वाली परेशानियों से बचाता है बल्कि रास्ते में हुए नुकसान की भरपाई भी करता है।
क्यों है ट्रेवल इंश्योरेंस की जरूरत
अगर आप यूरोपीय देश या अन्य देश मे हॉलीडे बिताने जा रहे हैं, तो आपको ट्रेवल इंश्योरेंस लेना अनिवार्य है लेकिन भारत में घूमने के लिए यह अनिवार्य नहीं है लेकिन अगर आप लंबे टूर पर जा रहे हैं तो ट्रिप कैंसिलेशन और सामान चोरी होने का कवर जरूर ले सकते हैं। अगर आपके मौजूदा मेडिकल इंश्योरेंस में विदेश में भी इलाज का कवर है, होम इंश्योरेंस में ट्रेवलिंग के दौरान आपके सामान का बीमा है और आपके पास पर्सनल एक्सीडेंटल कवर है, तो आपको ट्रेवल इंश्योरेंस लेने की जरूरत नहीं है।
कितना कवर लेना सही-
ट्रेवल विशेषज्ञों की मानें तो ये आपकी ट्रेवल कॉस्ट का 4 से 6 फीसदी होना चाहिए। कंपनियां वैसे तो कई कैटेगरी के तहत फिक्स्ड ऑप्शन देती हैं। इसकी कीमत 5000 से 50 हजार डॉलर तक होती है।
एक्सटेंशन भी करा सकते हैं
ट्रेवल इंश्योरेंस पॉलिसी की अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन मौजूदा ट्रेवल पॉलिसी की कवरेज समाप्त होने से 7-10 दिन पहले एक्सटेंशन करवाना बेहतर रहता है। इतना ही नहीं पॉलिसी होल्डर इसे यात्रा के दौरान भी एक्सटेंड करा सकते हैं।
ये हैं ट्रेवल इंश्योरेंस के फायदे-
फ्लाइट डिले या कैंसिल होने से आपकी यात्रा में देरी होती है तो ये इंश्योरेंस आपके लिए मददगार साबित होता है। इस देरी के कारण होने वाले खर्च जैसे कि खान-पान या होटल में रूकने का खर्च भी मिलता है।
यात्रा के दौरान अगर आपका सामान खो जाता है, तब भी इंश्योरेंस इसे कवर करने में मदद करेगा।
यात्रा के दौरान यदि किसी की अचानक मृत्यु हो जाती है, तो उस स्थिति में भी ट्रेवल इंश्योरेंस पॉलिसी में तय कवरेज के हिसाब से आपके परिजनों को मदद मिलेगी।
यात्रा के दौरान यदि कोई बीमार हो जाता है, तो हॉस्पीटल का सारा खर्च ट्रेवल इंश्योरेंस के अंतर्गत मिलता है। ट्रेवल इंश्योरेंस के प्रकार ये हैं:
डोमेस्टिक ट्रेवल इंश्योरेंस-
ये इंश्योरेंस अपने कसटमर को किसी भी तरह की इमरजेंसी में आर्थिक सहायता प्रदान करता है। यह अपने देश में यात्रा के लिए उपलब्ध होता है।
इंटरनेशनल ट्रेवल इंश्योरेंस-
यदि इंटरनेशनल टूर के दौरान आपका पासपोर्ट या डॉक्यूमेंट खो जाएं तो यात्रा के समय दुर्घटना हेाने पर विदेश में चिकित्सा के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करता है।
कार्पोरेट ट्रेवल इंश्योरेंस-
इसके अंतर्गत उन कर्मचारियों को कवरेज मिलता है जो कर्मचारी कंपनी की ओर से घरेलू या फिर अंतर्राष्ट्रीय यात्रा पर जाते हों।
छात्र यात्रा बीमा-
इसका फायदा उन छात्रों को मिलता है जो उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाते हैं। इसके साथ ही ये छात्रों को मेडिकल कवरेज, पासपोर्ट खो जाने पर भी मदद करता है।
सीनियर सिटीजन ट्रेवल इंश्योरेंस-
इसके अंतर्गत 61 साल से लेकर 70 साल तक के लोग आते हैं। इस इंश्योरेंस का मकसद वृद्ध लोगों की यात्रा को खुशनुमा मनाना होता है।
परिवार यात्रा बीमा-
ये पूरे परिवार का बीमा होता है। इसमें यात्रा के समय किसी भी तरह की इमरजेंसी पडऩे पर सुविधा मिलती है।