भोपाल। राजधानी के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को लेकर जिला प्रशासन ने सख्ती की तैयारी कर ली है। स्कूल बसों की पल-पल की लोकेशन की जानकारी, स्कूलों में इस्तेमाल होने वाली किताबों उनके पब्लिशर्स, स्कूलों की डिटेल, किस स्कूल में कौन सी बस कब से चल रही है उनके ड्राइवर और कंडक्टर का नंबर क्या है। बस का रूट क्या है। बच्चों की सुरक्षा और उपयोग से जुड़ी तमाम तरह की डिटेल के लिए जागरूक भोपाल विद्यार्थी सुरक्षा नामक पोर्टल तैयार किया जा रहा है। अगले सप्ताह इसे पब्लिक के लिए ओपन कर दिया जाएगा।
इसके पीछे कलेक्टर निशांत वरवड़े का तर्क है कि प्रशासन के साथ परिजनों की सहूलियत के लिए यह पोर्टल तैयार कराया जा रहा है। ताकि परिजनों को उनके बच्चे की जानकारी कम्प्यूटर स्क्रीन व मोबाइल पर मिल सके। भोपाल ऐसी सुविधा शुरू करने वाला प्रदेश का पहला शहर होगा।
108 एंबुलेंस और पुलिस के नंबर भी होंगे डिस्प्ले
एडीएम का कहना है कि पोर्टल पर लोगों की सुविधा के लिए 108 एंबुलेंस और पुलिस के इमरजेंसी नंबरों को भी डिस्प्ले किया जा रहा है। ताकि जरूरत के समय सभी से एक ही समय में संपर्क किया जा सके। इसके लिए सभी विभागों से बातचीत भी की गई है।
सही लोकेशन के लिए गुगल मैप अपलोड
पोर्टल को गुगल मैप से जोड़ा जा रहा है। ताकि बसों के रूटों की जानकारी परिजनों को मिल सके। शहर के विभिन्न रूटों की जानकारी पोर्टल पर डिस्प्ले की जाएगी।
ओवर स्पीड की तो लगेगा जुर्माना
जिला प्रशासन की इस नई व्यवस्था के तहत राजधानी के सभी रजिस्टर्ड स्कूल बस में स्पीड गवर्नर लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। बसों की स्पीड 40 से ज्यादा होती है। ओवर स्पीड होने पर इसकी जानकारी परिजनों अौर स्कूल प्रबंधन के अलावा आरटीओ के अफसरों को मिल सकेगी। ऐसा होने पर संबंधित बस संचालक के खिलाफ जुर्माना भी किया जाएगा। इस व्यवस्था को अगले सप्ताह लागू किया जा सकता है।
ई मेल अौर मोबाइल नंबर पर आएगा पासवर्ड
एडीएम दिशा नागवंशी का कहना है कि जागरूक भोपाल विद्यार्थी सुरक्षा नामक पोर्टल पर क्लिक करते ही परिजनों को अपना नया लॉगइन आईडी बनाना होगा। उनके ई मेल अौर मोबाइल नंबर पर पासवर्ड आएगा। स्कूलों को अपने स्कूलों की डिटेल पोर्टल पर अपलोड करना होगी। स्कूलों की वेबसाइट को इससे लिंक किया जाएगा। ताकि परिजन पोर्टल पर लॉगइन आईडी के जरिए स्कूल के पोर्टल पर बच्चे की स्कूल बस की सही लोकेशन ले सके।
पहली बार यह डिटेल एक ही पोर्टल पर
पहली बार ऐसा होगा कि जहां पर स्कूलों की जानकारी, ड्राइवर और बस नंबर की डिटेल अपलोड की जाएगी। पोर्टल में यह भी जानकारी दी जाएगी कि किताबों की दुकानें कहां-कहां पर हैं। बुक्स सेलर को भी इससे जोड़ा जा रहा है ताकि आसानी से किताबों की जानकारी लोगों को मिल सके। उनके मोबाइल नंबर भी इसमें दिए जाएंगे। स्कूल ड्रेस के सेंपल फोटो होंगे। मोनो के फोटोग्राफ होंगे। लेकिन यह प्रतिबंधित रहेगा कि किसी एक विशेष सेलर से यह सब खरीदा जाए। स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए यह व्यवस्था की जा रही है।