पंजाब में VIP कल्चर: लालबत्ती हटाए लेकिन मंत्रियों के BUNGALOW पर करोड़ों लुटाए

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वीआईपी कल्चर के खिलाफ सबसे पहले कड़ा कदम उठाते हुए लालबत्तियां हटाईं थीं। इसे लेकर देश भर में उसकी काफी तारीफ हुई परंतु यह केवल एक पब्लिसिटी स्टंट ही साबित हो रहा है, क्योंकि पंजाब सरकार वीआईपी कल्चर खत्म करने के मूड में कतई नहीं दिख रही है। जिस सरकार ने मंत्रियों की कारों से लालबत्तियां हटाईं, वही सरकार उन्हीं मंत्रियों की शानो-शौकत पर करोड़ों लुटा रही है। उनके बंगलों पर ऐशो आराम के तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं। हर वो प्रबंध किया जा रहा है जो किसी भी बंगले को वीआईपी बना दे। यह सबकुछ तब किया जा रहा है जबकि पंजाब सरकार का खजाना पूरी तरह से खाली है। कर्मचारियों को बांटने के लिए वेतन तक नहीं है। 

पंजाब में राजकोष की हालत इतनी नाजुक है कि नई सरकार को पहले महीने में ही कर्मचारियों को तनख्वाह देने के लिए आरबीआई से ओवरड्राफ्ट लेना पड़ा। सरकार के पास मंडियों में पड़ी किसानों की फसल खरीदने के लिए पैसे नहीं है। लेकिन मंत्रियों के शानो-शौकत में कोई कमी ना आए, इसके लिए सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। कांग्रेस की सरकार बने एक महीना हो गया है, लेकिन अभी तक कई मंत्री अपनी सरकारी कोठियों में प्रवेश नहीं किया है। ज्यादातर मंत्री अपनी कोठियों में अपने इंटीरियर और सुविधाओं के हिसाब से इनको रेनोवेट करवाना चाहते हैं। यही वजह है कि सूबे के मंत्रियों की कोठियों में दिन-रात काम चल रहा है।

कोई मंत्री खुलकर बोलने को तैयार नहीं
फिलहाल कोई भी खुलकर यह नहीं बता रहा है कि इन कोठियों पर कितना खर्च आएगा, लेकिन इतना तो तय है कि इन कोठियों और दफ्तरों में करोड़ों रुपया पानी की तरह बहाया जाएगा। मामले में पंजाब के कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, "मुझे जो कोठी मिली है, मैं उसमें पहले से ही बतौर नेता विपक्ष रह रहा था लेकिन पिछली सरकार ने नेता विपक्ष की कोठी होने के नाते इस घर में कोई काम नहीं किया और अब जब हमारी सरकार आई है, तो मैं इस कोठी में अपना काम करवा रहा हूं।" इस बाबत पंजाब सरकार के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल का कहना है कि हम सब वहीं काम करा रहे हैं, जहां मकानों और दफ्तरों में जरूरत दिख रही है।

सिद्धू के कार्यालय में भी मोटी रकम लुटाई जा चुकी है 
इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू के कार्यालय पर सरकार लाखों रुपए खर्च कर चुकी है। अब नवजोत की देखा-देखी कई ऐसे मंत्री हैं, जो अपने आवास के साथ-साथ दफ्तरों को भी चमकाना चाहते हैं। इनके अंदर एसी, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और कंप्यूटर तक बदले जा रहे हैं, लेकिन राज्य के खजाने की सबसे ज्यादा जानकारी रखने वाले मंत्री कह रहे हैं कि खर्च सिर्फ वहां किया जा रहा है, जहां इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। 

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