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जसविंद्रजीत की शिकायत के अनुसार 28 मई 2015 को अमृतसर-चंडीगढ़ सुपरफास्ट एक्सप्रैस ट्रेन में सफर के दौरान उन्होंने कोच सी-1 में शौचालय का उपयोग किया तो पानी न होने के कारण परेशानी झेलनी पड़ी। इसके बाद उन्होंने लिखित शिकायत टी.टी.ई. से की लेकिन संतोषजनक उत्तर नहीं मिला।
चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर स्टेशन मास्टर ने भी उन्हें सलाह दी कि उच्च स्तरीय अधिकारी होने के चलते उन्हें ऐसे छोटे मामलों में नहीं पडऩा चाहिए। उधर, रेलवे ने दलील में कहा कि इस सुविधा को आऊटसोर्स कर रखा है लेकिन रेलवे अधिकारियों द्वारा आऊटसोर्स सेवाओं का निरीक्षण कर इन्हें सुनिश्चित किया जाता है। आयोग ने टिप्पणी के साथ रेलवे की अपील को खारिज करते हुए फोरम के फैसले को बहाल रखा।