नई दिल्ली। मंगलवार को बिहार मौत की आंधी की चपेट में रहा। इस आंधी का शिकार हुए 17 लोगों की मृत्यु हो गई जबकि सैंकड़ों लोग घायल हुए हैं। भयानक आंधी के कारण हजारों हैक्टेयर जमीनों पर लहराती फसलें तबाह हो गईं। करोड़ों की संपत्तियां बर्बाद हुई हैं। बिहार सरकार ने आंधी व बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने के निर्देश प्रभावित जिले के अधिकारियों को दिया है।
जानकारी के मुताबिक कोसी और पूर्व बिहार में 4 लोग ठनका से तो 3 पेड़ गिरने से दबकर मर गए। वहीँ उत्तर बिहार में महिला सहित 5 की मौत हो गई। ठनका गिरने से मधुबनी में 2 व दरभंगा में 1 की मौत हो गई इसके अलावा औरंगाबाद और बेगूसराय में 2 लोगों की मौत हो गई।
आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि मंगलवार सुबह आई तेज आंधी से राजधानी पटना समेत बिहार के अधिकांश जिलों में जानमाल का नुकसान हुआ है। बिहार राज्य आपदा प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व्यास जी ने कहा है कि आंधी और बारिश के कारण पूरे राज्य में छह लोगों की मौत हुई है। आम और लीची की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है। कहीं सड़क पर पेड़ गिर गए तो कहीं लोगों के घर उजड़ गए हैं।
उन्होंने बताया कि मृतकों के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से चार लाख रुपये अनुदान के रूप में दिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह प्राथमिक रिपोर्ट है, मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। सुबह करीब साढ़े पांच बजे अचानक तेज आंधी चलने लगी और फिर गरज से साथ बारिश होने लगी। तेज और धूल भरी आंधी के कारण कई घरों के शीशे भी टूट गए तथा कई जगहों पर पेड़ गिर गए, जिससे कई जगहों पर आवागमन प्रभावित हुआ। अचानक आई आंधी और तेज बारिश से पटना के कई इलाकों में घंटों बिजली गुल रही। मौसम विभाग ने पूर्व में ही आंधी और बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया था।