अर्धसैनिक बल: अब हर शहीद जवान के परिवार को 1 करोड़ रुपए मुआवजा

नाथू ला। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने घोषणा की कि कर्तव्य का पालन करते हुए अपनी जान गंवाने वाले अर्धसैनिक बल के हर एक जवान को एक-एक करोड़ रुपए मुआवजे के तौर पर दिए जाएंगे। उन्होंने यह ऐलान भी किया कि अर्धसैनिक कांस्टेबलों के 34,000 पदों को हेड कांस्टेबल के तौर पर अपग्रेड किया गया है। शेराथांग सीमा चौकी में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) बल के एक ‘सैनिक सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि राष्ट्र अपने अर्धसैनिक जवानों के त्याग को सराहता है और उनपर गर्व है। अर्धसैनिक बल देश के मध्य एवं पूर्वी हिस्सों में नक्सलियों जबकि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों का मुकाबला करते रहे हैं। इसके अलावा, वे दुर्गम इलाकों में सीमा की रक्षा भी करते हैं।

शहादत की भरपाई नहीं हो सकती: राजनाथ
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे जवानों के बलिदान की भरपाई धन से नहीं की जा सकती। लेकिन शहीदों के परिवारों को किसी तरह की मुश्किल नहीं आनी चाहिए। लिहाजा, मैं सुनिश्चित करूंगा कि अर्धसैनिक बल के हर एक जवान को मुआवजे के तौर पर कम से कम एक करोड़ रुपए मिलें।’’ छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों के हमले में सीआरपीएफ के 25 जवानों के शहीद होने की घटना के करीब एक महीने बाद गृह मंत्री ने यह घोषणा की है।

जवानों को एप यूज करने की सलाह दी
इससे पहले, गृह मंत्री ने यहां भारत-चीन सीमा चौकी का दौरा किया और सुरक्षा हालात की समीक्षा की। गृह मंत्री ने कहा कि अर्धसैनिक बलों के जवानों के कल्याण के लिए काफी कुछ किया गया है, लेकिन आने वाले दिनों में काफी कुछ किए जाने की जरूरत है। राजनाथ ने आईटीबीपी जवानों से कहा कि वे गृह मंत्रालय की ओर से हाल में शुरू किए गए मोबाइल ऐप का इस्तेमाल कर अपनी शिकायतें दर्ज कराएं ताकि मंत्रालय उनका समाधान कर सके।

जवानों की मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया
गृह मंत्री ने उंचाई वाले इलाकों में तैनात जवानों के भत्तों में एकरूपता लाने की आईटीबीपी की मांग पर विचार करने का भी आश्वासन दिया। भारत-चीन सीमा की कुल लंबाई 3,488 किलोमीटर है, जिसमें 1,597 किलोमीटर जम्मू-कश्मीर, 200 किलोमीटर हिमाचल प्रदेश, 345 किलोमीटर उत्तराखंड, 220 किलोमीटर सिक्किम और 1,126 किलोमीटर अरुणाचल प्रदेश में है।

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