भूखी मां ने 2 साल के बेटे को 200 रुपए में बेच दिया

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। भारत में भूख आज भी एक बड़ी समस्या है। आज भी कई राज्यों में भूख के कारण जघन्य अपराध हो रहे हैं। त्रिपुरा से भी एक ऐसा ही मामला सामने आ रहा है। यहां एक भूखी मां ने 2 वक्त की रोटी के लिए 2 साल के बेटे को 200 रुपए में बेच दिया। यह घटना ढलाई डिस्ट्रिक्ट की बताई जा रही है। अब प्रशासन मामले की जांच कर रहा है। इससे पहले इसी राज्य में 11 दिन के एक बच्चे को 7600 रुपए में बेचे जाने की घटना सामने आई थी। बता दें कि त्रिपुरा में लेफ्ट की सरकार है। यहां 8 महीने बाद विधानसभा इलेक्शन होने हैं। 

न्यूज एजेंसी यूएनआई के मुताबिक डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट विकास सिंह ने बताया, "ढलाई डिस्ट्रिक्ट के ट्राइबल डॉमिनेटेड गंधशेरा सब डिवीजन के उल्तचेरा गांव में रुनबती रियांग नाम की महिला द्वारा 200 रुपए में अपने बच्चे को बेचे जाने का मामला सामने आया है, इसकी जांच की जा रही है। शुरुआती जांच में पता चला कि यह मामला गरीबी से जुड़ा हुआ नहीं है। हम घटना की पूरी जानकारी जुटा रहे हैं और जल्द ही सच्चाई सामने लाएंगे।

मुझे बिना बताए ही बेटे को बेच दिया: पति
सोर्सेज के मुताबिक खन्जय रियांग की पत्नी रुनबती रियांग ने अपने बेटे सुनिजय को 13 अप्रैल को लखिपुर में मकुंभिरपरा के धन्साई रियांग को 200 रुपए में बेचा था। बच्चे के पिता खंजय रियांग का कहना है, "हमारा परिवार काफी गरीब है, हमारे पास बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं, लेकिन मैं अपनी पत्नी की हरकत से दुखी हूं। पत्नी ने मुझे बताए बिना ही बेटे को एक बेऔलाद दंपति को बेच दिया।

बेटे को वापस चाहते हैं
पति खन्जय रियांग ने कहा, "मुझे पता चला है कि उस परिवार की लाख कोशिशों के बाद भी सुनिजय खुश नहीं है। वह हम लोगों के लिए लगातार रो रहा है। हम उसे फिर से अपने पास लाना चाहते हैं, लेकिन हमारे पास उस दंपति को लौटाने के लिए पैसे नहीं हैं।

एडमिनिस्ट्रेशन जांच में गंभीर नहीं: विपक्ष
विपक्ष के विधायक डीसी रंगख्वाल ने राज्य सरकार और एडमिनिस्ट्रेशन पर निशाना साधा है। कहा, "हमने खुद पता किया है वह परिवार काफी गरीब है, उसके पास बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं। एडमिनिस्ट्रेशन इस घटना को लेकर सेंसिटिव नहीं हैं। रंगख्वाल ने बताया कि दुमबर नगर के चाइल्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट अफसर एविड हुसैन ने खन्जय रियांग से एक दिन पहले मुलाकात की थी, लेकिन वे बच्चे को वापस उसके मां-बाप को दिलाने को लेकर कोई हल नहीं निकाल पाए थे।

क्या थी पहले की घटना?
दो हफ्ते पहले आदिवासी महिला दिनामाला देबबर्मा ने अपने पति का इलाज कराने के लिए 11 दिन के बच्चे को 7600 रुपए में बेच दिया था। यह घटना वेस्ट त्रिपुरा के खुवाई गांव की थी, हालांकि एडमिनिस्ट्रेशन उसके बच्चे को वापस दिलाने में कामयाब रहा था।
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